Vat Purnima puja at home: घर पर विधिपूर्वक कैसे करें वट पूर्णिमा की पूजा, यहां देखें नियम और विधि

How to do Vat Purnima Puja at home (घर पर कैसे करें वट पूर्णिमा की पूजा): ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। और दांपत्य जीवन में समृद्धि के लिए व्रत, कथा और पूजन करती हैं। देखें आप घर पर कैसे कर सकती हैं वट पूर्णिमा व्रत की पूजा।

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How to do Vat Savitri Puja at home, वटपौर्णिमा 2023 पूजा घर पर कैसे करें: सनातन धर्म के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। वट पूर्णिमा व्रत का सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्व होता है, विधिपूर्वक इस दिन व्रत और कथा का पाठ करने से भगवान विष्णु और शंकर का आशीर्वाद सुहागिनों के दांपत्य जीवन पर पड़ता है। इस साल वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत 3 जून शनिवार को रखा जा रहा है। वट पूर्णिमा के दिन ही सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापिस लेकर आई थी। वट सावित्री पूजा में वट वृक्ष का पूजन सबसे मुख्य रहता है। हालांकि अगर आपके आस पास बरगद का पेड़ नहीं है, अथवा आप बिना व्रत को खंडित किए पूजन करना चाहते हैं, तो घर पर इस सिद्ध विधि से भी वट पूर्णिमा का व्रत पुरा किया जा सकता है।

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वट पूर्णिमा व्रत के लिए वट वृक्ष यानी कि बरगद का पेड़ सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। लेकिन वट सावित्री पूर्णिमा पर आपके पास वट वृक्ष नहीं है, तो घर पर ही आप बरगद का पौधा या कुछ पत्ते ला सकते हैं। देखें घर पर वट पूर्णिमा व्रत का पूजन कैसे संपन्न करें -

  • वट पूर्णिमा व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने का महत्व होता है, व्रत रख रही महिलाएं अवश्य ही व्रत वाले दिन पवित्र जल से स्नान कर लें।
  • वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत विधिपूर्वक संपन्न करने हेतु स्नान आदि से निर्वित्त होकर महिलाएं साफ और नए कपड़े पहन लें।
  • फिर पूजा के लिए 24 पूरीयों और फलों का प्रसाद तैयार कर लें।
  • प्रसाद तैयार कर उसे किसी थाली में या अपनी साड़ी के पल्लू में बांध लें।
  • फिर उसके बाद प्रसाद, हल्दी और कुमकुम को अपने छोटे से बरगद के पौधे के पास रख दें।
  • पौधे के गमले में प्रसाद के तौर पर 12 पूरीयां अर्पण कर दें।
  • गमले के पास स्वास्तिक भी बना लें, बहुत ही शुभ माना जाता है।
  • पूजा कर धूप, दीप और अगरबत्ती भी जला लें।
  • अपने छोटे से पौधे के तने के आस पास ही आप कच्चा सूत बांध सकते हैं।
  • सूत बांधते वक्त अपनी मुट्ठी में काले चने लेना न भूले, परिक्रमा लेते वक्त मंत्रों का जाप भी जरूर करें।
  • परिक्रमा लगाने के बाद बैठकर अच्छे से वट सावित्री की कथा का पाठ करें और फिर अपनी सास का आशीर्वाद लें।
  • सास का आशीर्वाद लेते वक्त अवश्य ही उनको नए वस्त्र, पैसे और काले चने भेंट करें।

घर पर ही आप इस विधि से वट पूर्णिमा का पूजन पूर्ण कर सकते हैं। इस सिद्ध विधि को बताएं गए तरीके से पूरा करने पर आपका वट सावित्री पूर्णिमा व्रत कभी खंडित नहीं होगा।

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