Vat Purnima Puja Vidhi: वट पूर्णिमा की पूजा कैसे करें, यहां जानिए पूरी विधि
Vat Purnima Puja Vidhi In Hindi: वट पूर्णिमा का व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रखा जाता है। जो इस साल 21 जून को है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विधान बताया गया है। चलिए जानते हैं वट पूर्णिमा की पूजा विधि क्या है।
Vat Purnima Puja Vidhi In Hindi
Vat Purnima Puja Vidhi In Hindi (वट पूर्णिमा पूजा विधि): गुजरात, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत के कई राज्यों में महिलाएं ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima Puja Vidhi) यानी वट पूर्णिमा के दिन वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस साल वट सावित्री पूर्णिमा (Vat Savitri Purnima Puja Vidhi) 21 जून को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ये व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति पर अकाल मृत्यु का खतरा नहीं रहता। वट सावित्री व्रत करने वाली महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके ही इस व्रत की पूजा करनी चाहिए। चलिए जानते हैं वट पूर्णिमा की पूजा विधि क्या है।
वट पूर्णिमा मुहूर्त 2024 (Vat Purnima Muhurat 2024)
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 21 जून 2024 की सुबह 07 बजकर 31 मिनट से 22 जून 2024 की सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक रखा जाएगा।
वट पूर्णिमा पूजा विधि (Vat Purnima Puja Vidhi)
- इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सोलह श्रंगार धारण करना चाहिए।
- शाम में बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
- पूजा के लिए महिलाएं एक टोकरी में पूजन की सारी सामग्री एकत्रित कर लें फिर बरगद के पेड़ पर जाएं।
- सबसे पहले पेड़ की जड़ो में जल चढ़ाएं।
- इसके बाद पेड़ को प्रसाद का भोग लगाकर उसे धूप-दीपक दिखाएं।
- इसके बाद हाथ पंखे से वट वृक्ष की हवा करें।
- फिर सुहागनों को पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वट वृक्ष के चारों ओर कच्चे धागे को 7 बार लपेटना चाहिए।
- अंत में वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर सावित्री-सत्यवान की कथा जरूर सुनें।
- वट वृक्ष को चने और गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।
- फिर जिस पंखे से वट पक्ष को हवा दी थी उसी पंखें से अपने पति को हवा करें और उनका आशिर्वाद प्राप्त करें।
- फिर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण कर शाम में मीठा भोजन लेकर अपना व्रत खोले।
वट सावित्री पूर्णिमा का महत्व (Vat Savitri Purnima Ka Mahatva)
शास्त्रों में वट वृक्ष को बेहद पूजनीय माना गया है। कहते हैं वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवों का वास होता है। इसलिए इस पेड़ की पूजा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। कहते हैं सावित्री को अपने पति के प्राण वट वृक्ष के नीचे ही प्राप्त हुए थे। इसलिए भी ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की पूजा जरूर की जाती है। कहते हैं इससे पति को लंबी आयु प्राप्त होने के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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