Vat Purnima Vrat 2024: वट पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है, जानिए क्या है इसका महत्व

Vat Purnima Vrat 2024: वट पूर्णिमा का व्रत सुहागिन महिलाओं के द्वारा अपने पति की दीर्घ आयु के लिए किया जाता है। इस वट सावित्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं वट पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है।

Vat Purnima Vrat 2024

Vat Purnima Vrat 2024

Vat Purnima Vrat 2024: वट पूर्णिमा का व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रखा जाता है। इसे वट सावित्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस साल वट पूर्णिमा का व्रत 21 जून 2024 को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। वट पूर्णिमा का व्रत विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य और परिवार की सुख, समृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन वट वृक्ष की विधिवत पूजा की जाती है। वट पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ के साथ- साथ सती और सत्यवान की भी पूजा की जाती है। वट वृक्ष में तीनों देवों का वास माना जाता है। इस कारण इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से महिलाओं को तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ बरगद के पेड़ की पूजा करने से व्रती को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। आइए जानें क्यों मनाई जाती है वट पूर्णिमा और इसका महत्व।

vat Purnima puja vidhi 2024

Why is Vat Purnima celebrated (वट पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है)वट पूर्णिमा का व्रत ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि पर रखा जाता है, हालांकि वट सावित्री का व्रत इस महीने की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि दोनों ही दिन रखा जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में पूर्णिमा के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। वट पूर्णिमा का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। पद्म पुराण के अनुसार वट पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की पूजा और भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। वट पूर्णिमा का व्रत कुंवारी लड़कियां भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार करके तैयार हो जाती हैं और मंदिर में जाकर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। इसी के साथ बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर सती और सत्यवान की कथा का पाठ करती हैं। पूजा समाप्त हो जाने के वट वृक्ष को प्रणाम करके अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।

वट पूर्णिमा महत्व (Vat Purnima Importance)हिंदू धर्म में वट पूर्णिमा के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास माना जाता है। प्रचिलत कथा के अनुसार सावित्री अपने पति के प्राण यम से वापस लेकर आई थी। उन्होंने अपने सतित्व से अपने पति को पुन जीवित कर लिया था। तब से विवाहित महिलाएं वट सावित्री का व्रत अपने पति के लिए करने लगीं। इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य के साथ- साथ परिवार में सुख, समृद्धि आती है।

वट पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2024हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 21 जून को वट पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त 11:55 ए एम से दोपहर 12:51 पी एम तक रहने वाला है। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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