Vat Savitri Amavasya Katha In Hindi: वट सावित्री व्रत कथा हिंदी में, जानें सावित्री सत्यवान की कहानी

Vat Savitri Puja Katha In Hindi: वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है। इस साल ये व्रत 6 जून को मनाया जाता रहा है। जानिए वट सावित्री व्रत की कथा क्या है।

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Vat Savitri Vrat Katha In Hindi (वट सावित्री व्रत कथा): सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व माना गया है। कहते हैं वट वृक्ष के नीचे कठोर तप करके सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राप्त वापस पाए थे। इसलिए इस व्रत में वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा होती है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रख वट वृक्ष पर जाती हैं और उसकी विधि विधान पूजा करके उसके चारों ओर कच्चा धागा लपेटती हैं। इसके बाद पेड़ के नीचे बैठकर ही कथा सुनती हैं। यहां आप जानेंगे वट सावित्री व्रत की पावन कथा।

Vat Savitri Vrat Katha In Hindi (वट सावित्री व्रत कथा)

वट सावित्री व्रत की पौराणिक कथा इस प्रकार है- एक समय की बात है भद्र देश में अश्वपति नाम के राजा राज्य करते थे। जिनकी कोई संतान न थी।राजा ने संतान की प्राप्ति के लिए मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिदिन एक लाख आहुतियां दीं। ये काम वे अठारह वर्षों तक करते रहें। जिसके बाद सावित्री देवी ने प्रकट होकर उनके घर में एक तेजस्वी कन्या पैदा होने का वरदान दिया। जिसके बाद राजा के घर एक सुंदर और गुणी लड़की का जन्म हुआ जिसका नाम सावित्री रखा गया। (BK Shivani Best Motivational Quotes in Hindi)
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