Vat Savitri Puja Vidhi In Hindi: घर पर वट सावित्री पूजा कैसे करें? यहां जानिए पूरी विधि विस्तार से

Vat Savitri Puja Vidhi In Hindi: वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पड़ता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और विधि विधान बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। यहां जानिए वट सावित्री व्रत पूजा विधि।

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Vat Savitri Vrat Puja Kaise Karen

Vat Savitri Puja At Home In Hindi (वट सावित्री पूजा विधि): सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। ये व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। हिंदू कैलेंडर अनुसार प्रत्येक वर्ष ये व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रखा जाता है। इस साल ये अमावस्या 6 जून को पड़ रही है। वट सावित्री व्रत में सत्यवान-सावित्री की प्रतिमा, बांस का बना हुआ पंखा, धूप, मिट्टी का दीपक, फल, फूल, घी, सवा मीटर कपड़ा, रोली इत्यादि चीजों की जरूरत पड़ती है। यहां आप जानेंगे वट सावित्री व्रत की पूजा विधि।

वट सावित्री पूजा विधि

वट सावित्री पूजा विधि (Vat Savitri Puja Vidhi In Hindi)

  • वट सावित्री व्रत रखने वाली महिलाएं व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सोलह श्रंगार धारण करती हैं।
  • फिर शाम के समय बरगद के पेड़ की पूजा करने जाती हैं।
  • पूजा से पहले महिलाओं को एक टोकरी में पूजन की सारी सामग्री रखनी होती है।
  • फिर पूजा की सामग्री को बरगद के पेड़ के नीचे रखा जाता है। सबसे पहले पेड़ की जड़ो में जल चढ़ाना होता है।
  • फिर पेड़ कोभोग लगाकर उसे धूप-दीपक दिखाया जाता है।
  • इस दौरान महिलाएं हाथ पंखे से वट वृक्ष की हवा करती हैं।
  • इसके बाद महिलाओं को पति की लंबी आयु की कामना करते हुए वट यानी बरगद वृक्ष के चारों ओर कच्चे धागे या मोली को 7 बार लपेटना होता है।
  • फिर वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी जाती है।
  • इसके बाद घर आकर उसी पंखें से अपने पति की हवा करें और पैर छूकर उनका आशिर्वाद लें।
  • फिर प्रसाद में चढ़ाए गए फल आदि को ग्रहण कर शाम में मीठा भोजन से व्रत खोल लिया जाता है।
वट सावित्री व्रत का महत्व (Vat Savitri Vrat Mahatva)

पौराणिक मान्यताओं अनुसार वट सावित्री व्रत की कहानी सावित्री और यमराज से जुड़ी है। कहते हैं पौराणिक काल में सावित्री नाम की एक बेहद ही पतिव्रता स्त्री थी जो अपने पति को जीवित करने के लिए यमराज से भिड़ गई थीं। सावित्री की अपने पति के प्रति सच्ची निष्ठा देख यमराज को उसके पति के प्राण वापस देने पड़े थे। कहते हैं ऐसे में जो कोई भी महिला सही नियमों का पालन करके वट सावित्री का व्रत करती है उसके सुहाग की उम्र लंबी होती है।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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