Vat Savitri Vrat 2023: पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन रखें वट सावित्री का सिद्ध व्रत, यहां देखें व्रत की तिथि और पूजा विधि

Vat Savitri Vrat 2023 Date, Puja Vidhi (वट सावित्री व्रत कब है और पूजा विधि क्या है): हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है, सुहागिन महिलाओं के लिए इस व्रत का बहुत ही खास महत्व है। पति की लंबी उम्र और सेहत के लिए विधिपूर्वक इस व्रत को करना आवश्यक है। यहां देखें इस साल कब मनाया जाएगा वट सावित्री का व्रत और पूजा की विधि - सामग्री क्या रहेगी।

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Vat Savitri Vrat 2023 Date, Puja Vidhi and Puja Samagri: पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल शादीशुदा जीवन के लिए हर साल सुहागिन औरतें वट सावित्री (Vat Savitri) का सिद्ध व्रत रखती हैं। मान्यता है कि, इस व्रत को सच्चे मन से करने पर अवश्य ही महिलाओं का दांपत्य जीवन खुशहाली से भर जाता है। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस साल वट सावित्री का ये खास व्रत 19 मई 2023 शुक्रवार की शुभ तिथि पर रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार सुहागिनों द्वारा सौभाग्य प्राप्त करने के लिए वट सावित्री का व्रत बहुत ही ज्यादा गहरा महत्व होता है। इसलिए इस व्रत को विधि विधान अथवा मन से करने पर विशेष लाभ भी मिलते हैं, यहां देखें वट सावित्री व्रत की पूजा विधि और पूजन की सामग्री की पूरी लिस्ट -

वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री, Vat Savitri Vrat 2023 Puja Samagri

वट सावित्री व्रत को विधिवत संपन्न करने के लिए यहां देखें पूजन सामग्री -

  • वट वृक्ष
  • भिगे हुए काले चने
  • बांस का पंखा
  • कलावा
  • कोई भी मौसमी फल
  • अक्षत
  • अगरबत्ती
  • केले के पत्ते
  • नए वस्त्र
  • मिट्टी या कपड़े से बने वर-वधु का जोड़ा
  • मिट्टी का घड़ा
  • घी का दीया
  • गंगाजल या तांबे के लोटे में साधारण जल
  • सिंदूर
  • रोली
  • मिठाई

वट सावित्री व्रत पूजा विधि, Vat Savitri Vrat 2023 Puja Vidhi

किसी भी पूजा या व्रत का निश्चित लाभ तब ही प्राप्त होता है, जब उसे दिल से और सिद्ध विधि के अनुसार पूर्ण किया जाए। सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व होता है, इसलिए जो औरतें अपने पति की लंबी आयू की कामना करती हैं, उनके लिए वट सावित्री व्रत की पूजा विधि जानना बहुत ही जरूरी है। यहां देखें वट सावित्री व्रत को विधिपूर्वक पूरा करने के लिए सिद्ध पूजा विधि -

  • वट सावित्री का लाभ प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाओं को सबसे पहले सुबह उठकर नहा धोकर, नए कपड़े पहनकर श्रृंगार करना होता है।
  • तैयार होने के बाद, महिलाएं वट वृक्ष के नीचे सावित्री सत्यवान और यमराज की प्रतिमा को विधिवत स्थापित कर दें। आप भगवान की फोटो भी लगा सकते हैं, बर्शते आप पूजा को मन से पूर्ण करें।
  • सावित्री सत्यवान और यमराज को विराजमान करने के बाद वट वृक्ष की जड़ों में फूल-धूप, अक्षत, रोली, जल, कलावा, फल-सुपारी, पान, कलावा चढ़ाकर पूजन आरंभ करें।
  • फिर वट वृक्ष यानी बरगद की परिक्रमा लगानी होती है। सुहागिनों को हाथ में कच्चा सूत लेकर वट वृक्ष के तने पर परिक्रमा लेते हुए सूत लपेटना होता है।
  • परिक्रमा के बाद व्रत की कथा सुनने अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इसलिए मुट्ठी में भीगे हुए चने लेकर सावित्री सत्यवान की व्रत कथा सुने।
  • व्रत कथा सुनने के बाद, मुट्ठी में रखे चने के साथ कुछ पैसे और नए कपड़े अपनी सास को दें। और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें, वट सावित्री को संपूर्ण करने के लिए सास का आशीर्वाद लेकर वट वृक्ष की कोंपल खाकर उपवास को संपन्न करें।
जो भी महिलाएं पहली बार वट सावित्री का व्रत रख रही हैं, उनके लिए कपड़े के दुल्हा दुल्हन का जोड़ बनाकर उनकी पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। आप मिट्टी का जोड़ा भी बना सकती हैं, इससे नई नई सुहागिनों का दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाएगा।

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अवनि बागरोला author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें

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