Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री के दिन क्यों की जाती है बरगद पेड़ की पूजा, जानें इसका महत्व
Vat Savitri Vrat 2024: सनातन धर्म में वट वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं वट सावित्रि के बरगद की पूजा क्यों की जाती है।
Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री का व्रत इस साल 6 जून 2024 को गुरुवार के दिन रखा जाएगा। ये व्रत सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और सती सत्यावान की कथा का पाठ करती हैं। स्त्रियां बरगद की पूजा कर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगती है। हिंदू धर्म वट वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है। वट सावित्रि के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसे में आइए जानें इस दिन बरगद की पूजा क्यों की जाती है।
वट वृक्ष की पूजा क्यों की जाती हैपौराणिक मान्यता के अनुसार बरगद के पेड़ में त्रिदेव का वास माना जाता है। इस पेड़ के जड़ में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु और पेड़ डालियों स्वंय भगवान शिव का वास माना जाता है। वट वृक्ष की नीचे लटकती साखा को सावित्री का प्रतीक माना जाता है। इस कारण वट सावित्री व्रत पर वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इस दिन इस पेड़ की पूजा करने से व्रती को त्रिदेव समेत सावित्री का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वट वृक्ष का महत्व
सनातन परंपरा में बरगद के पेड़ का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करने व्रती की सारी मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बरगद के वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन का व्रत रखने से और बरगद की पूजा करने से विवाहित स्त्रियों को सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है।
कैसे करते हैं बरगद की पूजावट सावित्री के दिन सुबह स्नान के बाद विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार करें और वट वृक्ष की चावल और फूल अर्पित करें। इस दिन बरगद के तने में सात बार सूता बांधकर परिक्रमा करें। इसके साथ ही इस दिन सत्यवान और देवी सावित्री की पूजा करें। इस दिन वट वृक्ष में गुड चने और मौसमी फल का भोग लगाना चाहिए।
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बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हु...और देखें
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