Vat Savitri Puja Katha In Hindi: वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ के नीचे जरूर पढ़ें सावित्री-सत्यवान और यमराज की कहानी
Vat Savitri Vrat Katha In Hindi: वट सावित्री व्रत की कथा अत्यंत पतिव्रता स्त्री सावित्री से जुड़ी हुई है। जिसमें बताया गया है कि कैसे सावित्री ने यमराज को प्रसन्न करके अपने पति के प्राण वापस ले लिये थे।
Vat Savitri Vrat Katha (Photo Credit - pinterest.com)
Vat Savitri Vrat Katha In Hindi (वट सावित्री व्रत कथा): सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं जो सुहागिन महिला इस व्रत को विधि विधान रखती है उसके पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल वट सावित्री व्रत 6 जून को रखा जाएगा। इस व्रत में महिलाएं वट वृक्ष की विधि विधान पूजा करती हैं और उसके नीचे सावित्री सत्यवान की कथा सुनती हैं। मान्यताओं अनुसार इस कथा को सुनने मात्र से ही पति के ऊपर से अकाल मृत्यु का खतरा खत्म हो जाता है। यहां जानिए वट सावित्री व्रत की कथा।
Vat Savitri Vrat Katha In Hindi (वट सावित्री व्रत कथा)
भारतीय संस्कृति में सावित्री को एक अत्यंत पतिव्रता स्त्री माना जाता है। पौराणिक कथाओं अनुसार सावित्री का जन्म विशिष्ट परिस्थितियों में हुआ था। कहा जाता है कि राजा अश्वपति को कोई संतान नहीं थी। इसलिए वो संतान प्राप्ति के लिए हर रोज मंत्रोच्चारण करते हुए करीब एक लाख आहुतियां देते थे। लगातार 18 सालों तक ऐसा करने के बाद मां सावित्री ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि आपके घर जल्द ही तेजस्वी कन्या का जन्म होगा। जिसके बाद राजा के घर बेटी ने जन्म लिया। राजा ने उसका नाम सावित्री रखा। सावित्री बेहद सुंदर और बु्द्धिमान थी, ऐसे में उसकी ही तरह कोई योग्य वर नहीं मिल पा रहा था जिससे राजा दुखी थे। पिता का दुख दूर करने के लिए सावित्री स्वयं ही वर तलााशने तपोवन में भटकने लगी। वहां सावित्री ने राजा द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान को देखा और उन्हें अपने पति के रूप में चुन लिया। लेकिन सत्यवान अल्पायु थे।
सत्यवान से विवाह करने के समय नारद मुनि ने सावित्री को सत्यवान की अल्प आयु के बारे में बताया, लेकिन सावित्री ने फिर भी सत्यवान से ही विवाह किया। पति सत्यवान की मृत्यु का समय जब करीब आया तो सावित्री घोर तपस्या में लीन हो गईं। जब उनके पति के प्राण लेने यमराज आए तो उनसें भी सावित्री भिड़ गईं। सावित्री की निष्ठा और पतिव्रता धर्म से प्रसन्न होकर यमराज ने उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा। तब सावित्री ने अपने पति की दीर्घायु होने की कामना की जिससे सावित्री के पति को जीवनदान मिल गया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
Mundan Muhurat 2025: मुंडन मुहूर्त 2025, जानिए जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
मकर, कुंभ या मीन? जानिए 2025 में कौन सी राशि शनि साढ़े साती से हो रही है मुक्त
एकादशी व्रत की करना चाहते हैं शुरुआत, तो नवंबर की ये एकादशी है खास
Kharmas 2024 December: इस दिन से बंद हो जाएंगे सभी मांगिलक कार्य, लग जाएगा खरमास, नोट कर लें डेट
Aaj Ka Panchang 22 November 2024: मार्गशीर्ष महीने की सप्तमी तिथि के दिन क्या होगा पूजा का मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited