Vijaya Ekadashi Vrat Katha: विजया एकादशी व्रत की पावन व्रत कथा यहां देखें

Vijaya Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। ये व्रत हर महीने की एकादशी तिथि को पड़ता है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी नाम से जाना जाता है। यहां जानिए विजया एकादशी की कथा।

Vijaya Ekadashi Vrat Katha In Hindi

Vijaya Ekadashi Vrat Katha In Hindi (विजया एकादशी की कहानी): हिंदू धर्म में एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। ये व्रत हर महीने की एकादशी तिथि को रखा जाता है। हर महीने में पड़ने वाली एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। 6 मार्च को यानी आज विजया एकादशी मनाई जा रही है। मान्यता है इस एकादशी की पूजा भगवान राम ने भी की थी। जिसके परिणाम स्वरूप श्रीराम भगवान को लंका पर विजय प्राप्त हुई थी। यहां देखें विजया एकादशी की व्रत कथा।

विजया एकादशी व्रत कथा (Vijaya Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा अनुसार द्वापर युग में पांडवों को फाल्गुन एकादशी के महत्व के बारे में जानने की इच्छा हुई, तब उन्होंने भगवान कृष्ण से इस एकादशी के महत्व के बारे में पूछा। श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है पांडव! यह बात त्रेता युग की है जब भगवान राम ने रावण से युद्ध करने के लिए लंका की तरफ प्रस्थान किया था। लंका पहुंचने का सिर्फ एक ही रास्ता था विशाल समुद्र। वह बहुत ही विशाल समुद्र था जिसमें कई तरह के खतरनाक जीव रहते थे जो राम जी की सेना को नुकसान पंहुचा सकते थे। क्योंकि भगवान विष्णु जी के अवतार श्रीराम भगवान मानव रूप में थे इसलिए वह इस समस्या का समाधान भी मनुष्य के रूप में करना चाहते थे।

श्री राम ने भाई लक्ष्मण से समुद्र को पार करने का उपाय जानना चाहा तब लक्ष्मण जी ने कहा हे प्रभु! यहां से कुछ दूरी पर वकदालभ्य मुनिवर निवास करते हैं, उनके पास जरूर इस समस्या का समाधान होगा। भगवान राम मुनिवर के पास पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या बताई। मुनि ने राम जी को बताया कि यदि आप और आपकी पूरी सेना फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखें, तो आपको समुद्र पार करने में अवश्य ही कामयाबी प्राप्त होगी और इस व्रत के प्रताप से आपको लंका पर भी विजय प्राप्ति होगी।

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