Vinayak Chaturthi Katha In Hindi: आज मनाई जा रही है विनायक चतुर्थी, यहां जानिए इसकी पावन कथा और पूजा का शुभ मुहूर्त
Vinayak Chaturthi Katha In Hindi: आज यानी 12 अप्रैल को विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है। शिव पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। यहां जानिए विनायक चतुर्थी की व्रत कथा और शुभ मुहूर्त।
Vinayak Chaturthi Katha In Hindi
Vinayak Chaturthi Katha And Shubh Muhurat In Hindi: हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतु्र्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 12 अप्रैल को मनाया जा रहा है। आज विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Puja Shubh Muhurat 2024) सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। तो वहीं चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 11 अप्रैल की दोपहर 3 बजकर 3 मिनट से 12 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। मान्यता है जो व्यक्ति सच्चे मन से विनायक चतुर्थी का व्रत रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पू्र्ण हो जाती है। अब जानिए विनायक चतुर्थी की पावन कथा।
Vinayak Chaturthi Vrat Katha (विनायक चतुर्थी व्रत कथा)
शिव पुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए ही इस तिथि पर विनायक चतुर्थी यानी गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं अनुसार पार्वती माता ने भगवान गणेश को पुत्र रूप में पाने के लिए 12 वर्षों तक कठिन तपस्या एवं साधना की थी। जिसके फलस्वरूप ही शुक्ल पक्ष चतुर्दशी के दिन उन्हें भगवान गणेश पुत्र रूप में प्राप्त हुए। शिव पुराण के अनुसार एक बार माता पार्वती ने शरीर का मैल हटाने के लिए हल्दी का उबटन लगाया और जब माता पार्वती ने उस उबटन को हटाया तो उन्होंने अपने शरीर की मैल से एक पुतला बनाया और फिर उसमें प्राण फूंक दिये। कहते हैं इस तरह भगवान गणेश का जन्म हुआ।
Ganesh Mantra (गणेश महामंत्र)
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
Vinayak Chaturthi Puja Vidhi (विनायक चतुर्थी पूजन विधि)
इस दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत होकर स्नान करें। फिर घर या मंदिर में भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा शुरु करते हुए भगवान गणेश के मंत्र का जाप करें। फिर पुष्प, मिठाई, धूप, चंदन, फल और पान के पत्ते से भगवान की पूजा करें। धूप दीप जलाकर विनायक चतुर्थी की कथा सुनें। पाठ हो जाने के बाद आरती कर प्रसाद बांटें। फिर शाम में दोबारा गणेश भगवान की पूजा करें और प्रसाद बांटें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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