Vishnu Ji Puja: भगवान विष्णु की पूजा में क्यों नहीं रखे जाते चावल, ना करें अक्षत ये जुड़ी गलती, भारी होगा परिणाम
Vishnu ji puja vidhi, Tips (विष्णु जी की पूजा कैसे की जाती है): भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु या शालिग्राम की पूजा करते समय अक्षत का इस्तेमाल करना वर्जित है। जानें क्यों है विष्णु जी की पूजा में ये नियम।
- भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु या शालिग्राम की पूजा करते समय अक्षत का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं
- जानें विष्णु पूजा में अक्षत का इस्तेमाल न करने की वजह
Vishnu ji puja vidhi, Tips (विष्णु जी की पूजा कैसे की जाती है): हिंदू धर्म में अधिकांश देवी-देवताओं की पूजा में अक्षत का इस्तेमाल किया जाता हैं। बता दें अक्षत को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। फिर भी भगवान विष्णु की पूजा या शालिग्राम की पूजा करते समय अक्षत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्या? आपको पता है इसके पीछे की वजह पता हैं, अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इसके पीछे का रहस्य बताते है।
भगवान विष्णु की पूजा में क्यों नहीं रख जाते हैं चावल
हिंदू वैसे तो हिंदू धर्म में हर देवी-देवताओं की पूजा में अक्षत का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन भगवान विष्णु या शालिग्राम की पूजा करते समय सफेद अक्षत का इस्तेमाल करना बिल्कुल वर्जित है। ऐसी मान्यता है कि सफेद अक्षत का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को दोष लगता है। यदि आप सफेद अक्षत की जगह चंदन या हल्दी लगाकर अत्क्षत की इस्तेमाल करें, तो आप अपने उपर लगने वाले दोषों से बच सकते है। सफेद अक्षत भगवान विष्णु को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
यदि आप माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हो, तो आप चावल में कुमकुम जालकर चावल का ही इस्तेमाल कर सकते है। ठीक वैसे ही भगवान शिव की पूजा में भी कभी रंगीन चावल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि भगवान शिव योगी है और उनकी पूजा में चंदन और भस्म के अलावा बाकी सारे रंगीन रंग का इस्तेमाल करना वर्जित है।
विष्णु जी की पूजा में चावल के नियम
- सफेद अक्षत का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आप अक्षत को पूजा पात्र में रख लें।
- अब उसमें हल्दी मिला लें। ऐसा करने से चावल का रंग पीला हो जाता है। बता दें भगवान विष्णु को पीला रंग बेहद पसंद है।
- भगवान विष्णु के पूजा में पीले चावल का इस्तेमाल आप कर सकते है।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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