Vishwakarma Puja Vidhi, Mantra: विश्वकर्मा पूजा की विधि मंत्र सहित यहां देखें

Vishwakarma Puja Vidhi, Mantra, Aarti: विश्वकर्मा पूजा का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन लोग विधि विधान भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। यहां जानिए विश्वकर्मा पूजा की विधि मंत्र सहित।

Vishwakarma Puja Vidhi In Hindi

Vishwakarma Puja Vidhi, Mantra, Aarti: भारत में विश्वकर्मा पूजा का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। कहते हैं उन्होंने ही देवताओं के लिए महलों और शस्त्रों का निर्माण किया जाता था। इसलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपने काम में प्रयोग किए जाने वाली मशीनों और औजारों की पूजा करते हैं। कहते हैं इस दिन विश्वकर्मा जी की पूजा करने से शिल्पकला का विकास होता है। जिससे लोग अपना काम सही तरीके से कर पाते हैं। चलिए जानते हैं इस साल विश्वकर्मा पूजा की विधि मंत्र सहित।

विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त 2024 (Vishwakarma Puja Muhurat 2024)

इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस बीच आप विश्वकर्मा भगवान की पूजा कर सकते हैं।

विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja Vidhi In Hindi)

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले अपनी गाड़ी, मोटर या दुकान की मशीनों को साफ करें।
  • इसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर अपनी पत्नी के साथ पूजा के स्थान पर बैठ जाए।
  • सबसे पहले हाथ में फूल लेकर श्री हरि विष्णु भगवान का ध्यान करें और फिर उन्हें पुष्प चढ़ाएं।
  • इसके बाद विश्वकर्मा भगवान की पूजा करें।
  • पूजा के स्थान पर जल से भरा कलश, अक्षत, माला, धूप, सुपारी, फूल, चंदन, पीली सरसों आदि चीजें जरूर रखें।
  • हाथ में फूल और अक्षत लेकर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए इस मन्त्र का उच्चारण करें, “ऊं आधार शक्तपे नमः ऊं कूमयि नमः ऊं अनंतम नमः ऊं पृथिव्यै नमः ऊं श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः।”
  • इसके बाद हाथ में लिए अक्षत और फूल भगवान को समर्पित करें।
  • फिर पीली सरसों की चार पोटलियां बनाएं और उन्हें चारों दिशाओं में द्वार बांध दें।
  • इसके बाद अपने हाथ में और पूजा में उपस्थित अन्य लोगों के हाथ में कलावा बांधें।
  • अब जमीन पर आठ पंखुड़‍ियों वाला कमल बनाकर उसे पुष्प अर्पित करें।
  • इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की आरती उतारे और सभी में प्रसाद बांटे।
  • पूजन से अगले दिन विश्वकर्मा भगवान की प्रतिमा का विसर्जन करने का विधान है।
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