Vishwakarma Puja 2024: इस साल कब है विश्वकर्मा पूजा, जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Vishwakarma Puja 2024 Date: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का बहुत ही खास महत्व है। ये पूजा सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान विश्वकर्मा को समर्पित होता है। आइए जानते हैं इस साल विश्वकर्मा पूजा कब मनाया जाएगा।

Vishwakarma Puja 2024

Vishwakarma Puja 2024 Date: भगवान विश्वकर्मा संसार के रचियता भगवान ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र है। इनको सृजन के देवता माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस संसार में जिस भी चीज का निर्माण हो रहा है। वो भगवान विश्वकर्मा की कृपा से ही हो रहा है। विश्वकर्मा पूजा के दिन विधिवत रूप से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। ये पर्व खासतौर पर कारखानों में मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को इस संसार का पहला शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माना गया है। इनकी ही कृपा से संसार में किसी भी भवन का निर्माण होता है। किसी निर्माण या सृजन कार्य से जुड़े हुए लोग विश्वकर्मा पूजा को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2024 में विश्वकर्मा पूजा कब मनाई जाएगी और इसके महत्व के बारे में।

Vishwakarma Puja 2024 Date (विश्वकर्मा पूजा कब है 2024)विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस साल कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को पड़ रही है। ऐसे में विश्वकर्मा पूजा इस साल 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इसी दिन भगवान विश्वकर्मा समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे।

Vishwakarma Puja 2024 Shubh Muhurat (विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त 2024)

इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही इस दिन रवि योग भी बन रहा है। विश्वकर्मा पूजा अभिजीत मुहूर्त में करना शुभ रहेगा।

Vishwakarma Puja Vidhi (विश्वकर्मा पूजा विधि)

  • विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह स्नान के बाद अपने कारखाने, दुकान की सफाई करें।
  • उसके बाद कारखानों में रखें औजारों की भी सफाई करें।
  • फिर कारखाने में साफ चौकी पर विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • उसके बाद विष्णु जी का ध्यान लगा के पूजन शुरू करें।
  • विश्वकर्मा जी को धूप, दीप, फूल, अक्षत आदि अर्पित करें।
  • अंत में पूजा के बाद विश्वकर्मा जी की आरती करें और भोग लगाएं।
  • इस दिन जगह-जगह पर भंडारा भी किया जाता है।
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