Vishwakarma Puja Aarti Lyrics In Hindi: विश्वकर्मा जी आरती के लिरिक्स लिखित में, जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा...

Vishwakarma Puja Aarti In Hindi (ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा): विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान पूजा की जाती है। कहते हैं इनकी पूजा से बिजनेस में तरक्की मिलती है। यहां पढ़िए विश्वकर्मा पूजा की आरती हिंदी लिरिक्स के साथ (Vishwakarma Ji Ki Aarti)।

Vishwakarma Ji Ki Aarti

Vishwakarma Ji Ki Aarti In Hindi

Vishwakarma Puja Aarti In Hindi (ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा): भगवान विश्वकर्मा जी के जन्मदिवस को विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti 2023) या विश्वकर्मा पूजा (vishwakarma Puja Aarti) के रूप में मनाया जाता है। हर साल ये त्योहार कन्या संक्रांति के दिन मना जाता है। भगवान विश्वकर्मा (vishwakarma bhagwan aarti lyrics in hindi) को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। कहते हैं देवताओं के घर, नगर, अस्त्र-शस्त्र आदि का निर्माण विश्वकर्मा जी ने ही किया था। इसलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन उद्योगों और फैक्ट्र‍ियों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। यहां जानिए विश्वकर्मा भगवान की आरती लिरिक्स (vishwakarma bhagwan puja aarti)।

Vishwakarma Puja Aarti: om jai shri vishwakarma aarti in hindiजय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।

सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥

आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।

शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।

ध्यान किया जब प्रभु का,सकल सिद्धि आई॥

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।

संकट मोचन बनकर,दूर दुख कीना॥

जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।

सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी॥

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।

द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे॥

ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।

मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे॥

श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥

भगवान विश्वकर्मा की पूजा पान, सुपारी, हल्दी, अक्षत, फूल, लौंग, फल और मिठाई आदि से करें और शास्त्रों में बताई गई पूजा विधि से अनुष्ठान शुरू करें। इसके बाद उन्हें धूप और दीप दिखाएं और भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और रक्षासूत्र अर्पित करें। इस तरह से विश्वकर्मा जयंती की पूजा संपन्न करें।

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