Vivah Kundali Milan: शादी से पहले जरूरी क्यों है जन्म कुंडली का मिलान करवाना? ये विधान ला सकता है खुशियां अपार

Vivah Kundali Milan: विवाह पूर्व जन्म कुंडली के मिलान से भावी जीवन की परेशानियों के बारे में जानकारी हो सकती है। संतान प्राप्ति की बाधाओं से लेकर जीवन साथी की बीमारी या मृत्यु के बारे में पता चल जाता है। वर वधू के आपसी तालमेल की भी जानकारी होती है ।

Vivah Kundali Milan.

विवाह से पूर्व जरूर मिलवानी चाहिए जन्म कुंडली।

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • विवाह पूर्व जरूरी होता है कुंडली का मिलान
  • भावी जीवन की बाधाओं का चल सकता है पता
  • संतान प्राप्ति की संभावना की भी होती है जानकारी

Vivah Kundali Milan: सनातन धर्म में विवाह को एक प्रमुख संस्कार बताया गया है। मान्यता के अनुसार विवाह संस्कार न सिर्फ दो लोगों को जोड़ता है बल्कि दो परिवारों के साथ उनकी पीढ़ियाें का जुड़ाव भी होता है। इसलिए विवाह संस्कार से पूर्व भावी वर वधू की जन्म कुंडली का मिलान किया जाता है। पंडित वैभव जोशी के अनुसार विवाह तय होने से पहले कुंडली मिलान इसलिए किया जाता है जिससे पता लग सके कि युवक और युवती का एक-दूसरे के साथ शादी के बाद कैसा तालमेल रहेगा।

मिलाए जाते हैं गुण

आपने अपने घर में बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि वर वधू के 36 गुण मिलने चाहिए। इसके पीछे ज्योतिष का बहुत बड़ा रहस्य है। जन्म कुंडली के गुणाें के आधार पर भावी वर वधू के आने वाले जीवन का आकलन किया जाता है। प्रत्येक गुण के अलग-अलग बिंदु होते हैं और प्रत्येक बिंदु जीवन के एक अलग कारक का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली मिलान से यह जाना जा सकता है कि दोनों के सितारे और भाग्य एक दूसरे को कैसे प्रभावित करेंगे।

आर्थिक संतुलन और करियर

विवाह के बाद कुंडली में ग्रह- नक्षत्रों की स्थिति और प्रभाव में बदलाव आता है। यह न केवल व्‍यक्‍ति के खुद के जीवन बल्कि जीवनसाथी की जिंदगी को भी प्रभावित करता है। यह प्रभाव आठ गुणों में से सातवें भकूट द्वारा इंगित होता है। कुंडली मिलान करते समय लोग वित्तीय स्थिरता और करियर की संभावनाओं जैसी चीजों का भी विश्लेषण करते हैं।

संतान प्राप्‍ति

सनातन धर्म में विवाह संस्कार को वंश वृद्धि का प्रमुख कारक बताया गया है। विवाह के बाद संतान प्राप्ति में किसी तरह की बाधा तो नहीं आएगी, इसका ज्ञान जन्म कुंडली के मिलान से संभव है।

दोष

जब जन्‍म कुंडली में कोई ग्रह उचित स्थिति में ना हो या नीच स्‍थान में बैठा हो तो दोष का निर्माण होता है। मंगल दोष, सर्प दोष, शनि दोष जैसे दोष कुंडली में आते हैं। इन दोषों के कारण विवाह के बाद परेशानियां पैदा हो सकती हैं। भावी वर वधू की जन्म कुंडली मिलान से विवाह कब तक चलेगा इसका पूर्वानुमान भी लग जाता है।

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स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं

कुछ लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जो घातक भी हो सकती हैं। जीवनसाथी की बीमारी और उसके साथ आने वाले वित्तीय और भावनात्मक तनाव के कारण कई शादियां टूट जाती हैं। इसका विवाह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जन्म कुंडली के मिलान से भविष्य के रोगों के बारे में पता किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

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