Vivah Panchami Mantra in Hindi: विवाह पंचमी पर करें इन मंत्र,चौपाई और श्लोकों का जाप, बरसेगी सिया-राम की कृपा
Vivah Panchami Mantra in Hindi (विवाह पंचमी के मंत्र): मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन विवाह पंचमी को मनाया जाता है। ये शुभ तिथि 6 दिसंबर को पड़ेगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम और माता सिता जी का विवाह हुआ था। इस विवाह पंचमी पर पढ़िए भगवान राम के प्रमुख मंत्र, श्रीराम के चौपाई और श्लोक और श्री राम के शक्तिशाली मंत्र।
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Vivah Panchami Mantra in Hindi (विवाह पंचमी के मंत्र): वाल्मीकि रामायण के अनुसार त्रेता युग में इस तिथि के दिन ही राजा जनक द्वारा रखें गए स्वंयवर में भगवान राम ने शिव धनुष को तोड़ा था जिसके बाद उनका राजा जनक की पुत्री सीता से उनका विवाह हुआ। सनातन हिंदू परंपरा में विवाह पंचमी की तिथि को भगवान राम-सिया के विवाह की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है। यह तिथि प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम-जानकी का भक्ति भाव पूजा-अर्चन करने वाले व्यक्ति को सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती हैं। 2024 में विवाह पंचमी 6 दिसंबर को मनाई जा रही है। यहां देखिए भगवान राम के प्रमुख मंत्र, श्रीराम के चौपाई और श्लोक और श्री राम के शक्तिशाली मंत्र।
Vivah Panchami ke Mantra (विवाह पंचमी पर कौन से मंत्र का जाप करें)
राम गायत्री मंत्र
'ॐ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥'
अर्थ - दशरथ नंदन और माता सीता के पति भगवान राम से प्रेरणा लेते हुए हम उनको प्रणाम करते हैं।
राम ध्यान मंत्र
'ॐ आपदामपहर्तारम् दाताराम् सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्॥'
अर्थ – आपदाओं को हरने वाले, और समृद्धि प्रदान करने वाले सारे जगत के भगवान राम को मैं प्रणाम करता हूं।
'मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी।।'
अर्थ – सभी तरह के मंगल करने वाले और अमंगल को हरने वाले महाराज दशरथ के पुत्र भगवान श्री राम हैं।
'दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।'
दीन-दुखियों पर दया करने वाले और उनके संकटों को तारने वाले भगवान मेरे ऊपर पड़े भारी संकट को भी दूर कीजिए।
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
अर्थ – राम वनवास गए, मृग को मारा, सीता का हरण हुआ। फिर जटायु की मृत्यु, सुग्रीव से मिलन, बाली का वध, समुद्र को लांघ कर लंका का दहन और अंत में रावण, कुम्भकर्ण वध कर लंका पर राम की विजय हुई। यही है रामायण।
'राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने ।।'
अर्थ - राम नाम का जाप, राम को आत्मा और स्वयं रमना सिद्ध होता है। राम का नाम हजारों नामों के समान होता है।
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मेधा चावला author
हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दो...और देखें
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