Shri Mahakal Lok: भ्रम तोड़ दीजिए... चिता की नहीं बल्कि इस राख से महाकाल की होती है भस्म आरती
Shri Mahakal Lok: मध्य प्रदेश के उज्जैन में विस्तारित और नवनिर्मित महाकाल कॉरिडोर, जिसे 'श्री महाकाल लोक' कहा जा रहा है, का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को करेंगे। पीएम मोदी के उद्घाटन के दो दिन बाद यह कॉरिडोर पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। जिसके बाद भक्त यहां का दीदार कर सकेंगे।
महाकाल की भस्म आरती (Photo- Shree Mahakaleshwar Ujjain)
टाइम्स नाउ नवभारत के शो में सुशांत सिन्हा से बात करते हुए महाकाल मंदिर के एक पुजारी ने कहा कि यह भ्रम है कि चिता की राख से भगवान भोले की भस्म आरती की जाती है। उन्होंने कहा- "भस्म कभी भी भगवान भोले नाथ के ऊपर...मुर्दे की नहीं चढ़ाई जाती है। ये कभी नहीं हुई है...ये भ्रम है। मैं आपके चैनल के माध्यम से ये मैं कहना चाहूंगा भक्तों से कि यहां भगवान महाकाल को किसी प्रकार के मुर्दे की भस्म नहीं चढ़ाई जाती है। केवल यहां शुद्ध कंडे होते हैं, उसके पांच कंडों की भस्म बनाई जाती है और वहीं मंत्रों से चढ़ाई जाती है।"
पुजारी जी ने आगे कहा कि भस्म चढ़ाने का जो विधान चला, ये चला है सती प्रथा से। उन्होंने कहा- "जो सती थीं इनकी पत्नी, जिन्होंने अपने शरीर को हवन कुंड के अंदर समाप्त कर लिया था, वो जब भस्म हो गईं थीं और भगवान जब उसके विरह में क्रोधित हो गए थे....तब उन्होंने सती के भस्म को अपने शरीर पर लगाया था। तो वो जो भस्म है, वो भगवान शिव के शरीर पर लगी है। इसलिए भस्म प्रतीकात्मक भगवान पर चढ़ाई जाती है।
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