Deep Malika Puja in Hindi: दिवाली के दिन क्यों की जाती है दीप मलिका पूजा, जानें पूजन की सही विधि और महत्‍व

What is Deep Malika Puja on Diwali (दीप मलिका पूजन विधि): दिवाली का पर्व हम सभी के जीवन में से अंधकार को दूर कर रोशनी और उमंग को भरता हैं। दिवाली के दिन बहुत-सी पूजन विधि देश के कोने-कोने में होती हैं। दिवाली के दिन एक ऐसी है पूजा विधि है जिसे दीप मलिका पूजा कहा जाता हैं। जानत हैं दिवाली पर दीप मलिका पूजा क्‍यों होती है और क्‍या है इसकी सही पूजन विध‍ि।

Deep Malika Puja Vidhi

What is Deep Malika Puja on Diwali (दीप मलिका पूजन विधि): दिवाली का त्‍योहार सनातन हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। इस बार की दिवाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या को 31 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 1 नवंबर तक रहेगा। इस दौरान देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से मनुष्य को धन, संपत्ति तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। दिवाली के दिन ऐसे बहुत से पूजन के तौर-तरीके हैं जिनको करके मनुष्य अपने घर को खुशहाल बना सकता हैं। दिवाली की रात को दीप मलिका पूजा करने की विशेष परंपरा हैं। मान्‍यता है कि दीप मलिका की पूजन विधि से व्यक्ति को सुख और शांति मिलती है तथा कंगाली उसके निकट नहीं भटकती है। दीप मलिका पूजा का अर्थ दीपों की पूजा करने से है।

दीप मलिका की पूजा विधि

  1. मान्यताओं के अनुसार अपने कुल देवता, ग्राम देवता और पितरो का स्मरण करके सरसों के तेल का एक बड़ा-सा दीपक जलाएं और उसके चारों ओर 11, 21 या 51 से अधिक छोटे दिये एक परात या बड़ी थाली में रख के सजा ले।
  2. दीयों को सही से रखने के उपरांत आप आराम से बैठकर दीप-देव का ध्यान करें और यह मंत्र पढ़े - भो दीप! ब्रह्म-रूपस्त्वं ह्यन्धकार-विनाशकः गृहाण मया कृतां पूजां, ओजस्तेजः प्रवर्धय।। अर्थार्थ – हे दीप ! आप अंधकार का नाश करनेवाले ब्रह्म-स्वरुप हैं और मेरे द्वारा की गई पूजा को ग्रहण करें और अपने तेज से वृद्धि करें।
  3. फ‍िर यह मंत्र पढ़ें – ॐ दीप-वृक्षाय नमः अर्थार्थ दीप वृक्ष को मेरा प्रणाम।
  4. दीप-देव का ध्यान करने के बाद से आप यह प्रार्थना मंत्र पढ़ें।

दीप-देव प्रार्थना मंत्र

शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुख-सम्पदम्।

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