जब सनातन की शक्ति के आगे झुक गया था औरंगजेब, खुद करवाया भव्य मंदिर का निर्माण, मौजूद है लिखित सबूत
Temple Made By Aurangjeb: किंवदंतियों के अनुसार, मुगल बादशाह औरंगजेब जब चित्रकूट आया तो उसने अपनी सेना को वहां के सभी मंदिरों और मठों को तोड़ने का आदेश दिया। लेकिन बादशाह संत की शक्ति से इतना प्रभावित हुआ कि उसने चित्रकूट के किसी भी मंदिर को न छेड़ने का हुक्म दिया।

औरंगजेब ने इस मंदिर का करवाया था निर्माण
Temple Made By Aurangjeb: औरंगजेब ने अपने समय में कई हिंदू मंदिर तुड़वाए। उसकी फौज जहां-जहां जाती थी वहां-वहां मंदिरों की जगह मस्जिदों का निर्माण करा दिया जाता था। कई साल तक ऐसे ही चलता रहा लेकिन मुगल बादशाह के जीवन में एक समय ऐसा आया जब उसका ह्रदय परिवर्तन हुआ और उसने मंदिर तोड़ने की जगह पर मंदिर के निर्माण के लिए करोड़ों की जमीन दान में दे दी। चलिए आपको बताते हैं औरंगजेब ने कब और क्यों बनवाया था मंदिर।
चित्रकुट का बालाजी मंदिर
कहानी उस समय की है जब सन 1683 से 1686 के बीच मुगल शासक औरंगजेब अपनी सेना के साथ आगे बढ़ रहा था जिस दौरान उसका पड़ाव चित्रकूट में हुआ। बादशाह ने अपनी फोज को वहां के मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया। लेकिन उसी समय उसके सैनिकों को अचानक से पेट में भयंकर दर्द शुरू हो गया। इस दर्द का इलाज शाही हाकिम तक नहीं कर पा रहे थे। तभी बादशाह को पता चला कि पास में रहने वाले साधू बालकदास के पास इसका इलाज है।
तब औरंगजेब अपनी सेना समेत इस दर्द के इलाज के लिए साधू के पास पहुंचा। कहते हैं इसके बाद बादशाह और उसकी पूरी फौज को दर्द से राहत मिल गई। संत की शक्ति से प्रभावित होकर मुगल बादशाह ने चित्रकूट के किसी भी मंदिर को न तोड़ने का आदेश दिया। इतना ही नहीं बादशाह ने चित्रकूट में रामघाट के पास मंदाकिनी नदी के तट पर बालाजी का मंदिर भी बनवाया।
इसके अलावा मंदिर के पुजारी महंत बालकदास के नाम से उसने एक फरमान भी जारी करवाया। जिसके तहत मंदिर की देख रेख के लिए मुगल शासक का शाही संरक्षण मिला और मंदिर को लगभग 330 बीघे जमीन दान में भी दी गई। सैकड़ों सालों पुराने इस फरमान को आज भी मंदिर में संभाल कर रखा गया है। बता दें ये मंदिर उत्तर प्रदेश में स्थित है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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