Ganesh Chaturthi 2023 Date: 18 या 19 सितंबर कब है गणेश चतुर्थी 2023 में, जानें गणपति स्थापना के नियम
Ganesh Chaturthi 2023 Date and Muhurat (गणेश चतुर्थी 2023 तारीख और समय) : प्रथम पूज्य गणेश भगवान को समर्पित है गणेशोत्सव जो भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है। यह पर्व इस मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। यहां जानें गणेश चतुर्थी 2023 में कब है 18 या 19 सितंबर को। साथ ही देखें गणपति की मूर्ति स्थापना के नियम।
Ganesh Chaturthi 2023 Muhurat Time in Hindi
Ganesh Chaturthi 2023 Date and Muhurat (गणेश चतुर्थी 2023 तारीख और समय) : भगवान गणेश को सुख समृद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। गणेश जी को विघ्नहर्ता, सुखदाता, एकदंत आदि नामों से पुकारा जाता है। वह प्रथम पूज्य हैं और हर पूजा में उनको सबसे पहले पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी को भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि से अगले दस दिन तक यानी अनंत चतुदर्शी तक गणेश जी को श्रद्धानुसार घर पर बैठाते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इन 10 दिनों में भगवान गणेश धरती लोक पर अपने भक्तों से मिलने के लिए आते हैं।
Ganesh Chaturthi 2023 Muhurat Time in Hindi
2023 में गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी। चतुर्थी तिथि का आरंभ 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे से होगा और यह 19 सितंबर को 13:43 पर समाप्त होगी।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त सुबह 06:08 बजे है। इस समय रवि योग बन रहा है जो पूजा के लिए शुभ माना जाता है। यह दिन में 01: 48 बजे पर खत्म होगा। गणेश चतुर्थी का मध्याह्न पूजा का समय 19 सितंबर को सुबह 11:01 से दोपहर 13:28 तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी पर गणपति मूर्ति स्थापना के नियम
- गणपति जी का गंगा जल से अभिषेक के करने के बाद घर की पूर्व या पश्चिम दिशा में स्थापित करें। उत्तर-पूर्व दिशा में भी इनको रखा जा सकता है।
- गणपति जी की प्रतिमा को दक्षिण दिशा में न रखें। ये शुभ नहीं माना जाता है।
- ध्यान रखें कि उनकी पीठ किसी भी कमरे की तरफ नहीं होनी चाहिए।
- बाथरूम से जुड़ी दीवार पर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित न करें।
- सीढ़ियों के नीचे भगवान गणेश की मूर्ति को नहीं रखना चाहिए। नाचती हुई या खड़े हुए गणेश जी को घर में नहीं लाएं।
गणेश चतुर्थी पर गणपति मूर्ति स्थापना कैसे करें
एक चौकी पर सफेद या लाल कपड़ा बिछाकर इस पर चावल रखें। फिर तांबे के चौड़े बर्तन में चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। इस पर फूल रखकर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें। पूजा सामग्री अर्पित करें और संकल्प लेकर पूजा का आरंभ करें।
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