Surya Grahan 2023: अगला सूर्य ग्रहण कब लगेगा, क्या भारत में देगा दिखाई?
Surya Grahan 2023: अगला सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा। ये कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा। इसी के साथ ये साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) भी होगा। आश्विन मास की अमावस्या के दिन ये ग्रह घटित होगा।
अगला सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा
Surya Grahan 2023: 20 अप्रैल 2023 के सूर्य ग्रहण के बाद अगला सूर्य ग्रहण (Next Solar Eclipse) 14 अक्टूबर को लगेगा। ये एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा जो आश्विन मास की अमावस्या को लगेगा। ग्रहण की शुरुआत शनिवार 14 अक्टूबर 2023 को रात 8 बजकर 34 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति मध्यरात्रि दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर होगी। ये ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा। ग्रहण मैक्सिको, बारबाडोस, क्यूबा, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, अर्जेंटीना, कनाडा, कोलंबिया, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में दिखाई देगा। जानिए साल के दूसरे सूर्य ग्रहण के बारे में पूरी डिटेल।
Second Solar Eclipse 2023 Date And Time (साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण कब है)
दूसरा सूर्य ग्रहण 2023 | कंकणाकृति सूर्यग्रहण |
तिथि | आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या |
दिन और दिनांक | शनिवार 14 अक्टूबर 2023 |
सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय | रात 8:34 बजे |
सूर्य ग्रहण समाप्त समय | मध्यरात्रि उपरांत 2:25 बजे |
सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा | मैक्सिको, बारबाडोस, अर्जेंटीना, एंटीगुआ, बहामास, बोलिविया, ब्राज़ील, पेरू, पराग्वे, जमैका, हेती, ग्वाटेमाला, गुयाना, निकारागुआ, त्रिनिदाद व टोबैगो, उरूग्वे, वेनेजुएला, अमेरिका, बारबाडोस, कोस्टारिका, कोलंबिया, चिली, बेलिज, कनाडा, कोलंबिया, क्यूबा, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड, अरूबा, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, सूरीनाम, |
- सूर्य ग्रहण को भूलकर भी खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए।
- जब ग्रहण का सूतक काल चल रहा हो तब भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।
- ग्रहण काल में तेल मालिश नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण के समय में बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए।
- ग्रहण काल में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- ग्रहण शुरू होने से पहले ही दूध, दही, घी, अचार, चटनी, मुरब्बा जैसी भोज्य सामग्री में कुशा या तुलसीदल रख देना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में काटना, सिलना, बुनना, सोना आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
- ग्रहण के समय में जितना संभव हो, मंत्र जाप और दान करना चाहिए।
क्या होता है कंकणाकृति सूर्यग्रहण
जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी इतनी होती है जिससे चंद्रमा सूर्य के बीचो बीच आता हुआ दिखाई देता है तो ऐसे में सूर्य के किनारे पर एक रिंग बनती हुई प्रतीत होती है इसे ही कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहा जाता है। इसको वलयाकार सूर्यग्रहण के नाम से भी जानते हैं।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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