बारिश का देवता कौन हैं? जिनका भगवान कृष्ण ने तोड़ा था घमंड, महाभारत काल से है इनका गहरा संबंध

Who is god of rain? वेद पुराणों में जैसे अग्नि के देवता अग्नि देव माने गए हैं, पानी के देवता वरुण देव हैं, हवा के देवता वायु देव हैं ठीक वैसे ही बारिश के भी देवता हैं। ऋग्वेद में बारिश के देवता को बेहद शक्तिशाली बताया गया है। आइए जानते हैं कि वर्षा के देवता कौन हैं।

Who Is The God Of Rain

Who is god of rain? (बारिश का देवता कौन हैं): हिंदू धर्म शास्त्रों में बारिश के देवता इंद्र देव माने जाते हैं। ऋग्वेद में इंद्र देव को शक्तिशाली देवता के रूप में दर्शाया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए कई कार्य किए। चाहे नदियों को दिशा देना हो या पर्वत से निकलती नदियों की धाराओं को नियंत्रित करना इसमें इंद्र देव का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। माना जाता है कि देवराज इंद्र ने बादलों, नदियों और समुद्रों को व्यवस्थित किया और इस तरह से वह वैदिक युग के सबसे बड़े देवता बन गए। इंद्र को देवताओं का राजा भी माना जाता है।

इंद्र देवता का जन्म

पौराणिक कथाओं में ऋषि कश्यप को इंद्र के पिता और अदिति को उनकी माता के रूप में वर्णित किया गया है। इनका स्थान सभी देवताओं में सबसे ऊंचा माना गया है क्योंकि वह मानव का पोषण करने वाले देवता हैं। वैदिक युग में इंद्र देव को वर्षा का देवता, बादलों का कंट्रोलर, समुद्र का मित्र, पृथ्वी का स्वामी और वनों का आधार कहकर संबोधित किया गया है।

महाभारत में इंद्र देव का जिक्र

वेदों के अनुसार जब इंद्र नाराज हो जाते थे तो सृष्टि को भयंकर आंधी-तूफान और आपदा का सामना करना पड़ता था। महाभारत की एक कथा में भी इस बात का वर्णन किया गया है कि जब इंद्र नाराज हो गए थे तो उन्होंने बादलों को अधिक से अधिक वर्षा का आदेश दे दिया था। जिसकी वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। इंद्र देव को पांडु पुत्र अर्जुन का पिता माना जाता है।
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