Baglamukhi Jayanti 2023: कौन हैं मां बगलामुखी, कब है उनकी जयंती, यहां देखें पूजा विधि, मंत्र व आरती

Baglamukhi Jayanti 2023 Date (बगलामुखी जयंती 2023 में कब है): मां बगलामुखी शत्रुओं का नाश करने वाली देवी मानी गई है। माता की पूजा करने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं। जानिए इस साल बगलामुखी जयंती कब है, क्या इसका क्या महत्व है। साथ ही भगवती के मंत्र, पूजा विथि, आरती लिरिक्स आदि सभी जानेंगे।

Baglamukhi Jayanti 2023 Date

बगलामुखी जयंती 2023 डेट, पूजा विधि, मंत्र, आरती और महत्व

Baglamukhi Jayanti 2023 Date (बगलामुखी जयंती 2023 में कब है): वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण हुआ था, जिसे हर साल मां बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है। माता बगलामुखी की साधना और आराधना के लिए यह दिन बेहद शुभ और मंगलकारी माना गया है। दरअसल, हिंदू धर्म में मां बगलामुखी को तंत्र की देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इस खास दिन पर देवी की विधि अनुसार पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय मिलती है। इतना ही नहीं जातक को सुख-समृद्धि का वरदान भी मिलता है। इसी के साथ जानिए क्यों हैं महाशक्ति मां बगलामुखी खास, कब है इनकी जयंती और क्या है इनके शक्तिशाली मंत्र व आरती।

कौन हैं मां बगलामुखी?

शास्त्रों के अनुसार, मां बगलामुखी को आठवीं महाविद्या माना जाता है। इनका प्रकाट्य गुजरात के सौराष्ट्र में हुआ था। माना जाता है कि हल्दी रंग के जल से देवी प्रकट हुई थीं। इसलिए इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहा जाता है। मां बगुलामुखी की स्वरूप की बात करें तो वे अपने बाएं हाथ में शत्रु की जीभ का अगला हिस्सा और दाएं हाथ में मुद्गर पकड़ा हुआ है। माता का यह दिव्य स्वरूप हर तरह के शत्रु और बाधा से मुक्ति दिलाने वाला है। हिंदू मान्यता के अनुसार, मां बगलामुखी तंत्र की देवी हैं और उनमें इतना तेज है कि देवी के आशीर्वाद से लिखे हुए भाग्य भी बदल जाते हैं।

बगलामुखी जयंती कब है? (When Is Baglamukhi Jayanti 2023)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, साल 2023 में यह जयंती 28 अप्रैल, दिन शुक्रवार को धूम धाम से मनाई जाएगी।

मां बगलामुखी पूजन विधि (Baglamukhi pujan Vidhi)

- मां बगलामुखी की पूजा के लिए इस दिन प्रात: काल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर, पीले वस्त्र धारण करलें।

- ध्यान रहे साधना अकेले में, मंदिर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ ही बैठकर करें।

- देवी की पूजा करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।

- उसी दिशा में चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर माता बगलामुखी की फोटो या मूर्ति स्थापित करें।

- देवी के पास स्वच्छ जल से भरा एक कलश स्थापित करें।

- अब दीप प्रज्जवलित करें और हाथ में पीले चावल, पीले फूल, हरिद्रा और दक्षिणा लेकर संकल्प करें।

- संकल्प के बाद आचमन करके हाथ धोएं और आसन पवित्रीकरण करें।

- अब, देवी मां को सिंदूर, रोली, पान, धूप, चावल, बेलपत्र, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

- इसके बाद माता की आरती उतारें और अंत में लोगों के बीच प्रसाद वितरण करें।

मां बगलामुखी के पवित्र मंत्र (Baglamukhi Mantra)

-श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि।

त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।

ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।

ऊँ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।

-सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्

हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्

हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै

व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।

-ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां

वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय

बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।

Baglamukhi Aarti Lyrics in Hindi 2023 (भगवती बगलामुखी की आरती लिरिक्स इन हिंदी)

जय जय श्री बगलामुखी माता,

आरती करहूँ तुम्हारी |

जय जय श्री बगलामुखी माता,

आरती करहूँ तुम्हारी |

पीत वसन तन पर तव सोहै,

कुण्डल की छबि न्यारी |

कर कमलों में मुद्गर धारै,

अस्तुति करहिं सकल नर नारी |

जय जय श्री बगलामुखी माता …………

चम्पक माल गले लहरावे,

सुर नर मुनि जय जयति उचारी |

जय जय श्री बगलामुखी माता ……………

त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,

भक्ति सदा तव है सुखकारी |

जय जय श्री बगलामुखी माता …………….

पालन हरत सृजत तुम जग को,

सब जीवन की हो रखवारी ||

जय जय श्री बगलामुखी माता ………..

मोह निशा में भ्रमत सकल जन,

करहु ह्रदय महँ, तुम उजियारी ||

जय जय श्री बगलामुखी माता ………..

तिमिर नशावहू ज्ञान बढ़ावहु,

अम्बे तुमही हो असुरारी |

जय जय श्री बगलामुखी माता ………..

सन्तन को सुख देत सदा ही,

सब जन की तुम प्राण प्यारी ||

जय जय श्री बगलामुखी माता ……….

तव चरणन जो ध्यान लगावै,

ताको हो सब भव – भयहारी |

जय जय श्री बगलामुखी माता ………..

प्रेम सहित जो करहिं आरती,

ते नर मोक्षधाम अधिकारी ||

जय जय श्री बगलामुखी माता ………….

|| दोहा ||

बगलामुखी की आरती, पढ़ै सुनै जो कोय |

विनती कुलपति मिश्र की, सुख सम्पति सब होय ||

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