भारत के इस मशहूर क्रिकेटर ने छोड़ा नॉनवेज, इन अध्यात्मिक गुरुओं की बातों का पड़ा था गहरा असर

यहां हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन के बारे में जो कभी नॉनवेज के दीवाने हुआ करते थे। लेकिन उन्होंने धर्म गुरुओंं की बातों से प्रभावित होकर मांसाहार का सेवन न करने का निर्णय लिया और वे पूरी तरह से शाकाहारी बन गए।

Indian cricketer Shikhar Dhawan

Why Indian cricketer Shikhar Dhawan gave up non-veg?

भारत के मशहूर क्रिकेटर शिखर धवन (Cricketer Shikhar Dhawan) कभी नॉनवेज के दीवाने हुआ करते थे लेकिन अब वह पूरी तरह से शाकाहारी बन चुके हैं। शिखर धवन ने नॉनवेज का त्याग क्यों किया इसके बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि वे ऊर्जा में विश्वास करते हैं। वे ब्रह्मकुमारी शिवानी (Brahmakumari Shivani Didi) और सद्गुरु जी (Sadhguru) को सुनते हैं। उनकी बातों से प्रभावित होकर ही उन्होंने नॉनवेज खाना छोड़ दिया। चलिए जानते हैं शिखर धवन अध्यात्मिक गुरुओं की किस बात से हुए प्रभावित।

इसलिए शिखर धवन ने छोड़ा नॉनवेज

शिखर धवन ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें अध्यात्मिक गुरुओं के माध्यम से पता चला कि नॉनवेज की ऊर्जा नकारात्मक है। उसमें फियर हैं। तब उन्होंने सोचा कि उन्हें ऐसी ऊर्जा नहीं चाहिए। क्योंकि जैसा हमेशा बोला जाता है कि जैसा अन्न वैसा मन।

ब्रह्माकुमारी शिवानी ने बताया क्यों नॉनवेज खाना है गलत

ब्रह्माकुमारी शिवानी से जब नॉनवेज को लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा खाना सिर्फ न्यूट्रिशन नहीं होता है। भारत की संस्कृति में हजारों साल से हैं जैसा अन्न वैसा मन। नॉनवेज मतलब वाइब्रेशन ऑफ पेन। अगर कर्मा के अनुसार भी देखें तो अपने को टेस्ट देने के लिए या हेल्थ देने के लिए किसी को मरना पड़ेगा तो किसी भी एंगल से वो हमारे लिए सही नहीं है।

नॉनवेज खाना चाहिए या नहीं- सद्गुरु से जानें

सद्गुरु की मानें तो एक जीव के रूप में हमें अपना पोषण करने का अधिकार है क्योंकि दुनिया में भोजन का चक्र ही ऐसा है। लेकिन हमें ये अधिकार नहीं है कि हम निर्दयी होकर सिर्फ मजे के लिए किसी को मार डालें। हमें अपने को पोषित करने का पूरा हकर है लेकिन किसी दूसरे जीवन को मारने का कोई अधिकार नहीं है।
हिंदू धर्म में मांसाहारी भोजन को राक्षसों यानि असुरों का भोजन माना गया है। वेदों में भी पशु हत्या पाप मानी गई है। गीता में कहा गया है कि अन्न से ही मन और विचार बनते हैं।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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