Navratri 2023: नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं- यहां जानें चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में क्या फर्क है
Why Navratri is Celebrated Twice in a Year (नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं, चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में अंतर) : नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी की पूजा की धूम रहती है। साल में दो बार नवरात्र मनाई जाती हैं : पहले नवरात्र चैत्र मास में और फिर शारदीय नवरात्र। यहां जानें साल में दो बार नवरात्रि मनाने की वजह, कारण और पौराणिक महत्व। साथ ही देखें चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में क्या अंतर या फर्क होता है।
Why Navratri is Celebrated Twice in a Year : नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं
Why Navratri is Celebrated Twice in a Year (नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाते हैं, चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में अंतर) : नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा और उनके स्वरूपों की पूजा से जुड़ा है जिसे भक्त पूरे उल्लास, उत्साह, श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं। इन नौ दिनों में माता रानी के अलग अलग रूपों की पूजा होती है। मां को दुर्गा, भगवती, अंबे, जगदंबा, शेरोवाली मां, पार्वती आदि नामों से भी जाना जाता है। देश के अलग अलग हिस्सों में मां को कई स्वरूपों में पूजा जाता है। ये अवतार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। वैसे नवरात्रि साल में दो बार मनाए जाते हैं : चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में Chaitra Navratri आते हैं और आश्विन मास में Shardiya Navratri मनाए जाते हैं। संबंधित खबरें
Why Navratri is Celebrated Twice a Year
नवरात्रि साल में दो बार क्यों मनाए जाते हैं : इसके पीछे कई कारण माने गए हैं। हालांकि दोनों नवरात्रि में मां के नौ रूपों - ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है लेकिन दोनों के पौराणिक महत्व व कारण अलग माने जाते हैं। संबंधित खबरें
1. मौसम में बदलाव संबंधित खबरें
दोनों ही नवरात्रि मौसम में बदलाव के समय आते हैं। चैत्र नवरात्र जहां सर्दी के जाने और गर्मी के आगमन का प्रतीक हैं, वहीं शारदीय नवरात्र गर्मी के जाने और सर्दी की शुरूआत का प्रतीक माने जाते हैं। मां को प्रकृति से भी जोड़ा गया है, इसलिए मौसम में बदलाव को स्वीकार करते हुए खान पान में चेंज को लाने के लिए नवरात्र मनाए जाते हैं। साल की दोनों नवरात्रि जब आती हैं तो मौसम बहुत सुहाना होता है। ऐसे में व्रत रखना और खाने पीने में बदलाव आसानी से होता है।संबंधित खबरें
Navratri Rangoli
2. दिन रात में फर्क संबंधित खबरें
वैज्ञानिक कारण देखें तो मार्च और अप्रैल, व सितंबर-अक्टूबर के महीनों में दिन व रात की लंबाई लगभग बराबर होती है। इस वजह से भी साल के इन महीनों में नवरात्र मनाए जाते हैं।संबंधित खबरें
3. श्री राम से नाता संबंधित खबरें
दोनों ही नवरात्रि में भगवान श्री राम से इनके जुड़े होने का उल्लेख मिलता है। हिंदू परंपराओं में नवरात्र पहले आश्विन मास में ही मनाए जाते थे लेकिन रावण से युद्ध से पहले भगवान राम मां दुर्गा का आशीर्वाद लेना चाहते थे। लंका पर चढ़ाई से पहले उन्होंने दुर्गा पूजा की और तभी से चैत्र नवरात्रि मनाने की परंपरा भी प्रारंभ हो गई।संबंधित खबरें
Chaitra Navratri and Sharad Navratri Difference
चैत्र नवरात्र व शारदीय यानी आश्विन नवरात्रि में अंतर : शारदीय नवरात्र को शक्ति की उपासना का प्रतीक माना गया है और ये बुराई पर अच्छाई का संदेश देते हैं। जबकि चैत्र नवरात्र में राम जी का जन्म दिवस भी आता है, इसलिए इस समय मां के स्वरूपों के साथ विष्णु जी और श्री राम की पूजा भी रामनवमी के रूप की जाती है।संबंधित खबरें
सिद्धि प्राप्त करने के लिए चैत्र नवरात्र किए जाते हैं जो थोड़े कठिन माने जाते हैं। वहीं शारदीय नवरात्र का महत्व माता के महिषासुर के संहार और दशमी पर श्री राम द्वारा रावण के वध से जुड़ा है। चैत्र नवरात्र में सिद्धि प्राप्त करने के लिए देवी की साधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि थोडा कठिन तरीके से मनाया जाता है। दूसरी तरफ शारदीय नवरात्र एक उत्सव की तरह मनाया जाता है क्योंकि दशमी के दिन राम ने रावण का वध किया था और माता ने महिषासुर के आतंक को समाप्त किया था।संबंधित खबरें
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है। संबंधित खबरें
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