Yogini Ekadashi Aarti: योगिनी एकादशी पर करें विष्णु जी की आरती और मंत्र, पूरी होगी हर मनोकामना
Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी का व्रत आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल ये व्रत 2 जुलाई यानि आज रखा जा रहा है। योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की आरती करना शुभ होता है। यहां पढ़ें आरती और मंत्र लिरिक्स।
Yogini Ekadashi 2024
Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत रखने से और विष्णु भगवान की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस साल योगिनी एकादशी का व्रत आज 2 जुलाई को रखा जा रहा है। हर महीने की एकादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी आरती करने से सारी मनोकामना पूरी होती है। आइए यहां देखें विष्णु जी की आरती और मंत्र।
विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Aarti)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भगवान विष्णु की आरती
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
Vishnu Mantra (विष्णु मंत्र)विष्णु रूप पूजन मंत्र
शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
ॐ नमोः नारायणाय नमः। ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः।
सुख प्राप्ति के लिए
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
विष्णु बीज मंत्र
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
योगिनी एकादशी महत्वशास्त्रों में योगिनी एकादशी को बहुत ही खास माना गया है। इस एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्रह्मणों को भोजन कराने जितना फल की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करें और ब्रह्मणों को भोजन कराएं और अपनी क्षमतानुसार दान करें। योगिनी एकादशी पर दान करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और सारी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।
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