Yogini Ekadashi Vrat Katha In Hindi: भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी योगिनी एकादशी की व्रत कथा, आप भी पढ़ें

Yogini Ekadashi Vrat Katha: भगवान श्री कृष्ण ने पाण्डु पुत्र युधिष्ठिर को आषाढ़ कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी का महत्व बताया था। श्री कृष्ण कहते हैं कि जो कोई मनुष्य योगिनी एकादशी का व्रत करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह व्रत स्वर्गलोग की प्राप्ति कराता है। चलिए जानते हैं योगिनी एकादशी की व्रत कथा।

Yogini Ekadashi Vrat Katha

Yogini Ekadashi Vrat Katha In Hindi (योगिनी एकादशी व्रत कथा 2024): हिंदू पंचांग अनुसार आषाढ़ महीने में दो एकादशी आती है। जिनमें पहले एकादशी योगिनी एकादशी है और दूसरी देवशयनी एकादशी होती है। यहां हम आषाढ़ महीने की योगिनी एकादशी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। ये एकादशी बेहद खास मानी जाती है। कहते हैं जो कोई मनुष्य विधि विधान से योगिनी एकादशी का व्रत करता है उसे बड़े से बड़े पाप तक से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अगर आप भी योगिनी एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो इस ये पौराणिक कथा जरूर पढ़ें।

योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha)

योगिनी एकादशी की पौराणिक कथा अनुसार महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से कहा कि हे त्रिलोकीनाथ! मैंने आपसे निर्जला एकादशी की कथा सुनी। कृपा करके अब आप मुझे आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की कथा सुनाइये। इस एकादशी का नाम और माहात्म्य क्या है? सब मुझे विस्तार से बताने की कृपा करें।

तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे पाण्डु पुत्र! आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम योगिनी एकादशी है। इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह व्रत इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाला है माना गया है। इतना ही नहीं यह एकादशी व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। अब मैं तुम्हें इसकी कथा सुनाता हूं जिसका ध्यानपूर्वक श्रवण करो...

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