Sun Worship: सूर्योपासना से मिलते हैं अद्भुत लाभ, यहां जानें इसकी विधि
Sun Worship: हिंदू धर्म में सूर्य देव की पूजा का बहुत महत्व बताया गया है। सूर्य देव की उपासना करना केवल धार्मिक रूप से ही अच्छा नहीं होती बल्कि वैज्ञानिक तौर पर भी इसके बहुत लाभ होते हैं। हर सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाने से सूर्य देव प्रसन्न रहते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें सूर्योपासना।

surya worship
Sun Worship: आर्य वैदिक सनातन सभ्यता सगुण उपासना के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करती है। उनमें से प्रमुख हैं: पदायतन देव। वे सूर्य, शक्ति गणपति, शिव और विष्णु हैं। इन पंचदेवों के पांच प्रमुख संप्रदाय प्रसिद्ध हुए। प्राचीन परंपरा के अनुसार किसी भी देवता के मंदिर में इन पांच देवताओं की उपस्थिति अपरिहार्य है। प्रत्येक गृहस्वामी को प्रतिदिन यथाशक्ति इन पांच देवताओं की पूजा या स्मरण करना चाहिए। आइए जानते हैं सूर्येपासना कैसे करें और सूर्य यन्त्र और सूर्य प्रतिमा में अंतर।
सूर्य प्रतिमा व सूर्य यन्त्र में अतंर
सूर्य भगवान हैं। केवल एक मात्र सूर्यदेव ही हैं जो प्रत्यक्ष दिखते हैं। सूर्य पिता है। शिवपुराण में उनको आकाश का शिवलिंग कहा गया है। जो सामने दिख रहा है,उसका तस्वीर लगाना महादोष होता है। किसी का पिता जीवित हो ,सामने दिखे तो उसको सीधे प्रणाम करेंगे या उसकी तस्वीर को। घर में सूर्य की प्रतिमा या तस्वीर नहीं लगाते हैं। सूर्य यन्त्र घर में लगा सकते हैं। सूर्य की तस्वीर तो कदापि नहीं लगा सकते हैं। किसी मन्दिर में सूर्य मंदिर नहीं बनता इसीलिए क्योंकि वो सीधे दृश्य हैं। उनको शिवलिंग की तरह सीधे जल देते हैं। वह शिव का अंशात्मक प्रतीक हैं।सूर्य को नारायण भी कहते हैं। भगवान सूर्य को सूर्य नारायण भी कहते हैं। उनका प्रकाश व ऊर्जा समस्त ब्रम्हाड को आलोकित करता रहता है।
कैसे करें सूर्योपासना
प्रातःकाल सूर्य को जल दें। तांबे के पात्र में जल,रोली ,लाल पुष्प व चावल लेकर पहले उनको प्रणाम करें। उसके बाद भगवान भास्कर को जल अर्पित करें।
करें श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का नित्य पाठ
श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का नित्य पाठ करें।रविवार को इसका तीन बार पाठ करें। इसका पाठ भगवान राम ने अगस्त्य मुनि के आश्रम में रावण को परास्त करने के लिए किया था। इसके पाठ से विजय,यश व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। श्री आदित्यहृदयस्तोत्र के कुछ मंत्र इतने प्रभावशाली हैं कि वर्षों पुराने रोगों को समाप्त कर सकते हैं। प्रातःकाल सूर्योदय के समय सूर्य के सम्मुख कुश के आसन पर बैठकर इसका पाठ करे। याद रहे यहां भी कोई सूर्य की प्रतिमा नहीं होगी।
सूर्य यन्त्र घर के मंदिर में रख सकते हैं
घर के मंदिर में सूर्य यन्त्र रख सकते हैं। राजनीति से जुड़े लोग इससे लाभान्वित होते हैं। संतान की प्राप्ति के लिए भी सूर्योपासना बहुत जरूरी है। रविवार का व्रत रहकर इस यंत्र को नियम पूर्वक स्थापित करते हैं।
करें पिता का नित्य चरण स्पर्श
पिता का नित्य उठते ही चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।पिता के सम्मान व सेवा से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं।
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