Paris Olympics 2024: अमित रोहिदास ने तोड़ी रेडकार्ड मामले पर चुप्पी, साझा किया घटना का दर्द

पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य अमित रोहिदास ने क्वार्टर फाइनल में रेड कार्ड दिखाए जाने के मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी हैं और उस वाकये का दर्द बयां किया है।

Amit Rohidas

अमित रोहिदास

तस्वीर साभार : भाषा
मुख्य बातें
  • अमित रोहिदास को क्वार्टर फाइनल में दिखाया गया था रेड कार्ड
  • भारतीय टीम ने 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए पेनल्टी शूटआउट में जीता मैच
  • सेमीफाइनल मुकाबले में टीम को खली थी रोहिदास की कमी

पेरिस: भारतीय हॉकी खिलाड़ी अमित रोहित को पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल मैच से निलंबित होने के कारण रात को सो नहीं सके थे लेकिन वह टीम के साथी खिलाड़ियों के आभारी है कि ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में रेड कार्ड मिलने पर किसी ने उन पर सवाल नहीं उठाया। रोहिदास को इस अंतिम आठ मैच से बाहर होने के कारण भारतीय टीम को आखिरी 42 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा था।

रेड कार्ड मिलने के बाद नहीं आई रात भर नींद

भारतीय टीम ने इस ओलंपिक में अपना अभियान कांस्य पदक के साथ किया। ओलंपिक हॉकी में यह भारत का कुल 13वां पदक था। रोहिदास ने यहां इंडिया हाउस में शनिवार को टीम के सम्मान समारोह के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा,'एक मैच के निलंबन के कारण मुझे सेमीफाइनल मैच से बाहर होने का मलाल है। यह काफी अहम मैच था। पूरा देश और मेरे साथी खिलाड़ी मेरे साथ थे। टीम ने कभी भावनात्मक रूप से बाहर होने नहीं दिया। मेरा ध्यान बस अगले मैच पर था।'

दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में मिला था रेड कार्ड

इस 31 साल के खिलाड़ी को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेले गए मैच में अंतिम हूटर बजने से 42 मिनट पहले मैदान से बाहर भेज दिया गया था क्योंकि उनकी स्टिक अनजाने में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी विल कैलनान पर लग गई थी। मैदानी अंपायर ने इस गंभीर नहीं माना था लेकिन वीडियो रेफरल के बाद उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा। इस फैसले के कारण रोहिदास जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के लिए निलंबित हो गये। भारत को इस करीबी मैच में 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था। रोहिदास ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा,'मुझे नहीं पता कि लोग बाहर क्या कह रहे हैं, लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर मैं जानता हूं कि मैं किस दौर से गुजरा हूं। यह जानबूझकर नहीं था, और रेफरी का निर्णय खेल का हिस्सा है।'

बदल सकता था पदक का रंग

उन्होंने कहा कि मुझे इस टीम पर काफी गर्व है। रोहिदास ने कहा,'एक खिलाड़ी के कम होने के बावजूद शूट-आउट में जीत हासिल करना मेरे लिए बहुत गर्व की बात थी। हमने अपने देशवासियों को दिखाया कि हम संख्या कम होने के बावजूद कैसे लड़ सकते हैं। हम 10 खिलाड़ियों के साथ जीत हासिल करने के साथ 52 साल के बाद ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देने में सफल रहे। रोहिदास से जब पूछा गया कि तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक को टीम स्वर्ण या रजत पदक में बदलने में नाकाम रही और क्या उन्हें इसका मलाल है तो उन्होंने कहा,'हो सकता है कि पदक का रंग बदल सकता था, लेकिन यह सब नियति है आप कुछ भी नहीं बदल सकते। अच्छी बात यह है कि हम खाली हाथ नहीं लौट रहे हैं। यह देश का पदक है।'

संन्यास के बाद भी साथ रहेंगे श्रीजेश

रोहिदास ने ओलंपिक पदक के साथ खेल को अलविदा कहने वाले भारत के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश की तारीफ की। उन्होंने कहा,'श्रीजेश भाई भले ही संन्यास के बाद मैदान पर नहीं होंगे, लेकिन वह एक मार्गदर्शक और सलाहकार के रूप में हमेशा हमारे साथ रहेंगे। मुझे यकीन है कि हम उनकी जगह लेने वाले के साथ एक इकाई के रूप में मिलकर काम करेंगे जैसा कि हम यह सब करते आ रहे हैं।'

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | स्पोर्ट्स (sports News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

नवीन चौहान author

नवीन चौहान टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम के सदस्य हैं। वो मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के रहने वाले हैं। इनके पास ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited