Arshad Nadeem: पाकिस्तान में मची अरशद नदीम की सफलता का श्रेय लेने की होड़

पाकिस्तान में अरशद नदीम को पेरिस ओलंपिक में मिली स्वर्णिम सफलता का श्रेय लेने की होड़ सरकारी से लेकर गैरसरकारी संगठनों के बीच मची है जबकि ओलंपिक से पहले अरशद को एक भाला खरीदने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा था।

अरशद नदीम

मुख्य बातें
  • अरशद नदीम की सफलता का पाक में हर कोई लेना चाहता है श्रेय
  • ओलंपिक से पहले क्राउड फंडिग के जरिए खरीदा नया भाला
  • भीषण गर्मी में पंजाब स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में ओलंपिक के लिए किया अभ्यास

कराची: पाकिस्तान में खेल प्रणाली की विफलता और प्रशासनिक उदासीनता के बीच ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम को यह अच्छे से पता है कि उन्हें इस ऐतिहासिक सफलता के लिए किन संघर्षों और बलिदानों का सामना करना पड़ा है। नदीम को जरूरत के समय मदद मुहैया करने में विफल रही सरकारी संस्थाओं के बीच अब उनकी सफलता का श्रेय लेने की होड़ मची है। इस सूची में पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड (पीएसबी), अंतर प्रांतीय समन्वय मंत्रालय (खेल) और सरकार के शीर्ष ओहदे पर बैठे लोग भी शामिल हैं।

क्राउड फंडिंग से खरीदना पड़ा था नया भाला

पेरिस ओलंपिक से कुछ महीने पहले नदीम को अनुरोध करना पड़ा था कि उसे एक नया भाला प्रदान किया जाए क्योंकि उसका पुराना भाला वर्षों के उपयोग के बाद खराब हो गया था। नदीम को इसके लिए ‘क्राउड फंडिग’ की मदद लेनी पड़ी थी। भारतीय सुपरस्टार नीरज चोपड़ा सहित पेरिस ओलंपिक भाला फेंक फाइनल में भाग लेने वाले अन्य एथलीटों की तुलना में नदीम को धन की कमी के कारण सर्वश्रेष्ठ कोच की देखरेख में प्रशिक्षण लेने या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं मिला।

एमेच्योर खिलाड़ियों के साथ ओलंपिक से पहले करना पड़ा अभ्यास

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