आकाश चोपड़ा ने बयां किया दिलचस्प किस्सा, जब चंद शब्दों में धोनी ने बता दी थी अपनी काबिलियत

Aakash Chopra reveals interesting MS Dhoni incident: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक दिलचस्प किस्सा बयां किया है। उन्होंने सालों पुराना एक किस्सा सुनाते हुए ये बताने की कोशिश की है कि धोनी जैसा कोई नहीं और कैसे धोनी ने उनको समझा दिया था कि उनका प्रतिद्वंद्वी वो खुद ही हैं।

Aakash Chopra reveals interesting incident about MS Dhoni

आकाश चोपड़ा ने धोनी का किस्सा सुनाया (screenshot-Aakash Chopra)

मुख्य बातें
  • आकाश चोपड़ा ने धोनी को लेकर दिलचस्प किस्सा सुनाया
  • जब धोनी ने चंद शब्दों में बयां कर दी थी अपनी काबिलियत
  • दिनेश कार्तिक और धोनी के बीच प्रतिद्वंद्विता के वो दिन

Aakash Chopra on MS Dhoni: अपनी कप्तानी के रहते हुए भारत को आईसीसी की तीनों प्रतिष्ठित ट्रॉफी (वनडे विश्व कप, टी20 विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी) जिताने वाले पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को आज भी फैंस राष्ट्रीय टीम की जर्सी में मिस करते हैं। उनके साथ जो खिलाड़ी खेल चुके हैं और अब भी सक्रिय हैं, उनको भी धोनी की कमी खलती है। आखिर कुछ तो था एम एस धोनी में जो वो सिर्फ भारत के महान क्रिकेटरों में शुमार हुए बल्कि विश्व क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान भी साबित हुए। हाल में आईपीएल (IPL) में भी उन्होंने सर्वाधिक 5 खिताबों की बराबरी कर ली। धोनी के कई पुराने किस्से और अनछुए पल आए दिन सामने आते रहते हैं, ऐसा ही एक अनजाना किस्सा पूर्व भारतीय बल्लेबाज व कमेंटेटर आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने बयां किया है।

आकाश चोपड़ा ने धोनी के जिस किस्से को बयां किया है वो 2004 का है, जब धोनी ने भारत के लिए डेब्यू भी नहीं किया था। उस समय धोनी सिर्फ 23 साल के थे लेकिन फिर भी एक छोटी से मुलाकात और चंद शब्दों के जरिए उन्होंने आकाश चोपड़ा पर ऐसा प्रभाव छोड़ा कि वो उस पल को आज भी नहीं भूलते हैं। आइए जानते हैं कि क्या हुआ था उस दिन।

उस किस्से के बारे में आकाश चोपड़ा कहते हैं, "वो साल 2004 था जब इंडिया-ए टीम को केन्या और जिंबाब्वे के दौरे पर जाना था। महेंद्र सिंह धोनी को टीम के रिजर्व कीपर के रूप में रखा गया था और दिनेश कार्तिक प्लेइंग-11 में थे। एक बार नेट्स में दिनेश कार्तिक बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे थे और धोनी उनको गेंदबाजी कर रहे थे। तभी मैंने धोनी से पूछा- तुम उसको बॉलिंग क्यों कर रहे हो? वो तो तुम्हारा प्रतिद्वंद्वी है। अगर उसने अच्छा खेला तो तुम शीर्ष-11 में शामिल नहीं हो पाओगे। तुमको बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग का अभ्यास करना चाहिए, फिर गेंदबाजी क्यों? इस पर धोनी ने कहा- प्लीज मुझे रोको नहीं, मैं बॉलिंग करना चाहता हूं। अगर तुम बैटिंग करना चाहते हो, तो करो, मैं तुमको भी गेंदबाजी करूंगा।"

आकाश चोपड़ा आगे कहते हैं, "आज जब मैं उस किस्से को याद करता हूं और उस घटना को समझने का प्रयास करता हूं, तब समझ आता है कि आखिर उसने ही वो सब कुछ क्यों हासिल किया जो उसने किया है। दरअसल, वो दिनेश कार्तिक या किसी और खिलाड़ी से प्रतिद्वंद्विता नहीं कर रहा था। वो खुद से प्रतिद्वंद्विता कर रहा था। तो यही है पाठ। आप अपना सर्वश्रेष्ठ रूप बनो क्योंकि तुम ही अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी (Competitor) हो।"

गौरतलब है कि धोनी ने कार्तिक के बाद भारत के लिए डेब्यू किया था। इस प्रकार से वो धोनी के सीनियर भी हुए, लेकिन समय पलटा और जब धोनी विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में टीम इंडिया की पहली पसंद बने तो उसके बाद माही ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कप्तान के रूप में टीम को जो उपलब्धियां हासिल कराईं, उसके अलावा व्यक्तिगत रूप से भी वो सर्वश्रेष्ठ फिनिशर बनकर भी सामने आए। माही ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17,092 रन भी बनाए।

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शिवम अवस्थी author

शिवम् अवस्थी टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में स्पोर्ट्स डेस्क के इंचार्ज हैं। वो कानपुर से ताल्लुक रखते हैं। इनको खेल पत्रकारिता में तकरीबन 16 सालों का...और देखें

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