लीडरशिप रोल से नजरअंदाज किये जाने के बाद हार्दिक के मुंबई इंडियंस के नेतृत्व पर भी संदेह

गौतम गंभीर के कोच बनते ही हार्दिक पांड्या के लीडरशिप में तेजी से गिरावट आई। रोहित के जाने के बाद वह टी20 में टीम के कप्तान बनने वाले थे, लेकिन गंभीर और अगरकर के सामने वह खुद को साबित नहीं कर पाए।

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हार्दिक पांड्या (साभार-BCCI)

तस्वीर साभार : भाषा
टी20 विश्व कप में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले हार्दिक पंड्या के लिए राष्ट्रीय टीम में चीजें काफी बदल गयी है। टी20 विश्व कप के दौरान भारत के उपकप्तान रहे हार्दिक को श्रीलंका दौरे के लिए टी20 टीम की कमान नहीं सौंपी गयी। सूर्यकुमार यादव खेल के सबसे छोटे प्रारूप में भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे। भारत की कप्तानी के दायित्व से मुक्त होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस इस हरफनमौला खिलाड़ी को कप्तान बनाए रखेगी। मुंबई की फ्रेंचाइजी ने आईपीएल के सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा की जगह पिछले सत्र से पहले हार्दिक को कप्तान बनाया था।
टी20 विश्व कप का खिताब जीतने के बाद रोहित भारतीय खेल जगत में महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गये है। आईपीएल की इस साल बड़ी नीलामी होनी है और ऐसे में यह देखना होगा कि रोहित मुंबई की टीम के साथ बने रहेंगे या नहीं। हार्दिक और रोहित के अलावा सूर्यकुमार यादव और जसप्रीत बुमराह भी टीम की अगुवाई करना चाहते हैं।

ऑक्शन में रिटेन खिलाड़ियों को लेकर संशय

आईपीएल संचालन समिति ने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि वे कितने खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति देंगे। इस बात की संभावना है कि फ्रेंचाइजी को एक विदेशी सहित चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति मिले। फ्रेंचाइजी टीमों को अगले कुछ वर्षों के लिए मजबूत टीम बनाने पर कुछ कठोर फैसले लेने होंगे। गुजरात टाइटंस के लिए कमाल करने वाले हार्दिक की कप्तानी में मुंबई इंडियंस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। गुजरात की टीम में हार्दिक के मार्गदर्शन के लिए आशीष नेहरा मौजूद थे लेकिन मुंबई के साथ उन्हें कोच मार्क बाउचर से उस तरह का मार्गदर्शन नहीं मिला।

गंभीर के कोच बनने पर हार्दिक का डिमोशन

गौतम गंभीर के मुख्य कोच बनने से हार्दिक की कप्तान बनने की संभावनाएं प्रभावित हुई है। इसमें हालांकि अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति का भी अहम योगदान रहा जिसका मानना था कि एक कप्तान के तौर पर हार्दिक रणनीतिक तौर पर अच्छे नहीं रहे है। युवा खिलाड़ी भी उनसे ज्यादा सूर्यकुमार यादव के साथ सहज रहेंगे।
हार्दिक के लिए खुद को अहम बनाये रखने के लिए श्रीलंका में खेले जाने वाले टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। उन्हें घरेलू मैचों में भी लगातार खेलना होगा। जनवरी 2022 के बाद से वह भारत के लिए सिर्फ सीमित ओवरों के लगभग 50 प्रतिशत मैच ही खेल पाये हैं। उन्होंने इस दौरान 79 में से 46 टी20 अंतरराष्ट्रीय और 59 में से सिर्फ 23 एकदिवसीय मैच खेले हैं। भारतीय क्रिकेट में उतार-चढाव होते रहते हैं और हार्दिक को अगर अगले साल चैम्पियंस ट्रॉफी में खेलना है तो उन्हें दिसंबर में बड़ौदा के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में खेलना होगा।
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