IPL 2023: आरसीबी के क्रिकेट डायरेक्टर ने कहा, इस नियम के कारण बढ़ेगी ऑलराउंडर्स की भूमिका
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के क्रिकेट निदेशक माइक हेसन का मानना है कि आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर रूल के लागू होने से टीमों में ऑलराउंडर्स की भूमिका बढ़ जाएगी। जानिए उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
फॉफ डुप्लेसी और माइक हेसन( साभार Mike hesson)
बेंगलुरू: आईपीएल 2023 के आगाज में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में सभी 10 टीमें अपनी-अपनी तैयारियों और योजनाओं को अंतिम रूप देने में जोर शोर से जुटी हैं। आईपीएल को रोचक बनाने के लिए इसबार इम्पैक्ट प्लेयर सहित कई नए नियम लीग में लागू किए हैं जिससे प्रशंसकों को क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में और अधिक मजा आएगा। खेल में टॉस और ओस का असर कम होगा और गेंद-बल्ले के बीच भिड़ंत में अधिक संतुलन नजर आएगा।
ऑलराउंडर निभाएंगे इम्पैक्ट प्लेयर रूल में बड़ी भूमिका
15 साल से लीग में खिताबी जीत का इंतजार कर रही आरसीबी की टीम के क्रिकेट डायरेक्टर माइक हेसन को नया ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम काफी पसंद आया है और उन्हें लगता है कि इसके कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी चरण में ऑलराउंडर बड़ी भूमिका निभायेंगे। मैचों को और दिलचस्प बनाने के मकसद से लाये गये इस ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम के अंतर्गत एक बल्लेबाज या एक गेंदबाज को मैच की परिस्थिति के हिसाब से खेल के दौरान कभी भी बदला जा सकता है।
इम्पैक्ट प्लेयर को लेकर बनाई नीलामी से पहले योजना
हेसन ने आरसीबी के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किये गये के वीडियो में कहा,'हमने खिलाड़ियों की नीलामी से पहले इस नियम के बारे में सुना इसलिये हमने इसे देखा और सोचा कि हम इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा कैसे उठा सकते हैं। इसमें संभावना है कि ऑलराउंडर बड़ी भूमिका निभायेंगे। वैसे इसमें कुछ रणनीति शामिल है। मुझे यह काफी पसंद आया। आप किसी भी समय खिलाड़ी को शामिल कर सकते हो।'
इम्पैक्ट प्लेयर हुआ सब्सटीट्यूट प्लेयर में तब्दील
हेसन ने कहा, ये एक सब्स्टीट्यूट रूल है। अगर आप पहले बल्लेबाजी करते हैं तो अगली पारी में उसे एक गेंदबाज से बदल सकते हैं। पहले गेंदबाजी के दौरान एक अतिरिक्त गेंदबाज रख सकते हैं उसके बाद उसे बल्लेबाज से दूसरी पारी के दौरान बदल सकते हैं। टॉस के बाद आप अपनी बॉलिंग और बैटिंग इलेवन विरोधी टीम को दे सकते हैं। इम्पैक्ट रूल अब अमूमन सब्सटीट्यूट रूल में बदल गया है।
नो बॉल-व्हाइट बॉल रिव्यू से बढ़ेगा अंपायरों पर दबाव
इस बार आईपीएल में टीमें व्हाइड और नो बॉल को भी रिव्यू कर सकती हैं और हेसन ने इस कदम का भी स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ये नियम पहले ही डब्लूपीएल में लागू हो चुका है। मुझे लगता है कि अधिकांश लोग इससे वाकिफ हो चुके हैं और ज्यादा शिद्दत के साथ इस नियम का उपयोग अंपायर के फैसले को चुनौती देने में करेंगे।
हेसन ने आगे कहा, व्हाइट या नो बॉल के फैसले को रिव्यू करने के फैसले से गेंद कमर के ऊपर ती या नहीं उसे व्हाइड होना चाहिए था कि नहीं इस तरह के कन्फ्यूजन इससे दूर होंगे। इस नियम के आने से अंपायरों के ऊपर थोड़ा दबाव बढ़ेगा। मेरे लिहाज से ये अच्छी चीज है।
(भाषा इनपुट के साथ)
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