मेरी पत्नी को लगा कि मैं मजाक कर रहा हूं: टूटे हुए जबड़े के साथ बॉलिंग पर बोले अनिल कुंबले

Anil Kumble on his broken jaw incident: अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने जब 2002 के एंटीगा टेस्ट में टूटे हुए जबड़े के साथ वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ गेंदबाजी का फैसला लिया तो उनकी पत्नी चेतना को लगा कि वह मजाक कर रहे हैं। उस समय कैरेबियाई टीम में ब्रायन लारा जैसे बल्लेबाज थे जिन्हें कुंबले सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वियों में से एक मानते हैं ।उनके पास एक गेंद के लिये तीन शॉट हुआ करते थे।

Anil Kumble on his broken jaw incident and wife reaction

अनिल कुंबले (Twitter/Instagram)

तस्वीर साभार : भाषा

भारत के महान स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने जब 2002 के एंटीगा टेस्ट में टूटे हुए जबड़े के साथ वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ गेंदबाजी का फैसला लिया तो उनकी पत्नी चेतना को लगा कि वह मजाक कर रहे हैं। उस समय कैरेबियाई टीम में ब्रायन लारा जैसे बल्लेबाज थे जिन्हें कुंबले सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वियों में से एक मानते हैं ।उनके पास एक गेंद के लिये तीन शॉट हुआ करते थे।

इसके बावजूद कुंबले ने ऐसा साहसिक फैसला लिया और टूटे हुए जबड़े के साथ लगातार 14 ओवर डाले और लारा को भी आउट किया। कुंबले ने जियो सिनेमा को दिये एक इंटरव्यू में कहा ,‘‘ मैने अपनी पत्नी चेतना को बताया और कहा कि मुझे आपरेशन के लिये भारत लौटना है। उसने बेंगलुरू में सब व्यवस्था कर दी।’’

उन्होंने कहा ,‘‘फोन रखने से पहले मैने उसे कहा कि मैं गेंदबाजी करने जा रहा हूं । उसे लगा कि मैं मजाक कर रहा हूं । मुझे नहीं लगता कि उसने इसे गंभीरता से लिया ।’’ पूर्व कप्तान ने कहा कि जबड़ा टूटने के बावजूद उन्हें लगा कि टीम के लिये कुछ विकेट लेना उनकी जिम्मेदारी है ।उन्होंने कहा ,‘‘ मैं ड्रेसिंग रूम में गया तो मैने देखा सचिन गेंदबाजी कर रहा है क्योंकि वही टीम में ऐसा था जो गेंदबाजी कर सकता था । उस समय वावेल हाइंड्स बल्लेबाजी कर रहे थे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘मुझे लगा कि मेरे लिये यही मौका है ।मुझे जाकर विकेट लेने होंगे । अगर हम उनके तीन या चार विकेट ले सके तो मैच जीत सकते हैं । मैने एंड्रयू लीपस से कहा कि मुझे जाना है ।’’ कुंबले को अगले दिन बेंगलुरू लौटना था । उन्होंने उस समय कहा ,‘‘कम से कम मैं इस सोच के साथ तो घर जाऊंगा कि मैने पूरी कोशिश की ।’’

कुंबले को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए मर्विन डिल्लों की गेंद लगी थी लेकिन खून बहने के बावजूद उन्होंने 20 मिनट और बल्लेबाजी की । वह मैच ड्रॉ रहा था जिसमें दोनों टीमों ने पहली पारी में 500 से अधिक का स्कोर बनाया था । अपने समय के सबसे कठिन बल्लेबाजों में उन्हें लारा, सईद अनवर, जाक कैलिस और अरविंद डिसिल्वा का नाम लिया।

उन्होंने कहा ,‘‘यह अच्छी बात है कि उस दौर के अधिकांश बेहतरीन बल्लेबाज मेरी टीम में थे । सचिन, राहुल, सौरव, वीरू, लक्ष्मण इन सभी को गेंदबाजी करना कितना मुश्किल होता । वैसे अरविंद डिसिल्वा को गेंदबाजी करना कठिन था और लारा के पास तो हर गेंद के लिये तीन शॉट होते थे ।’’

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