100वां टेस्ट खेलने की दहलीज पर चेतेश्वर पुजारा, पिता ने बताया बेटा कैसे बना क्रिकेट का शांत 'योद्धा'

Cheteshwar Pujara's 100th test match: भारत के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरेंगे तो ये उनके टेस्ट करियर का 100वां मुकाबला होगा। इस ऐतिहासिक पल को हासिल करने के लिए चेतेश्वर ने लंबा सफर तय किया है। चेतेश्वर पुजारा के पिता अरविंद पुजारा ने अपने बेटे के बारे में खास बातें बताईं।

चेतेश्वर पुजारा अपने पिता के साथ (Instagram)

यह 2006 की बात है, चेतेश्वर पुजारा ने एक जिला स्तरीय मैच समाप्त होने के बाद अपनी मां रीना को फोन करके कहा कि वह पिता अरविंद को उन्हें लेने के लिए राजकोट के बस स्टैंड पर भेज दे। बस स्टैंड पर पहुंचने पर चेतेश्वर ने अपने पिता को नहीं देखा लेकिन उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें सूचित किया कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही।

आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की शरीर पर चली गई गेंदे हों या फिर अपनी प्यारी मां का आकस्मिक निधन, पुजारा को इन्होंने अंदर तक झकझोर दिया लेकिन वह कभी उनके संकल्प को नहीं तोड़ पाए। अब भारतीय क्रिकेट का यह शांत योद्धा अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने की दहलीज पर खड़ा है। चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा ने राजकोट से पीटीआई से कहा,‘‘ किसी भी खेल में 100 मैच खेलना बड़ी उपलब्धि होती है। इसके लिए आपको बहुत अधिक समर्पण और अनुशासन, फिटनेस और अच्छे भोजन की जरूरत होती है। इन सभी के संयोजन से आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय तक खेलने में मदद मिलती है। निश्चित तौर पर थोड़ा भाग्य का साथ होना भी जरूरी है।’’

अरविंद चेतेश्वर के केवल पिता ही नहीं बल्कि कोच भी हैं और उनका अपने बेटे की उपलब्धियों पर गर्व करना स्वाभाविक है। चेतेश्वर अब 35 साल के हैं लेकिन 27 साल पहले जब वह आठ साल के थे तब सौराष्ट्र की तरफ से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके अरविंद ने उनके अंदर एक क्रिकेटर को पहचान लिया था। तभी से उन्होंने अपने बेटे को कोचिंग देनी शुरू कर दी थी।

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