कपिल देव की 175 रन की पारी नहीं, रोजर बिन्नी ने बताया क्या था 1983 का गेम चेंजिंग मोमेंट

बीसीसीआई के चीफ और 1983 वर्ल्ड कप विनर टीम के खिलाड़ी रोजन बिन्नी ने बताया कि भारत के लिए गेम चेंजिंग मोमेंट क्या रहा। कपिल देव की 175 रन की पारी हो या फिर मदन लाल के गेंद पर उनका कैच कई ऐसे यागदार पल हैं जिसकी मदद से हम पहली बार चैंपियन बने थे।

रोजर बिन्नी, बीसीसीआई चीफ (साभार-Twitter)

मुख्य बातें
  • रोजन बिन्नी ने बताया गेम चेंजिंग मोमेंट
  • कपिल देव की 175 रन की पारी नहीं थी गेम चेंजिंग
  • इस टीम के खिलाफ जीत को बताया खास मोमेंट

25 जून 1983 को भारत की युवा टीम ने कपिल देव के नेतृत्व में सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। इस मैच में मोहिंदर अमरनाथ ने 12 रन देकर 3 विकेट झटके थे और बल्लेबाजी में केएस श्रीकांत ने सर्वाधिक 38 रन की पारी खेली थी। भारत ने वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाजी क्रम के सामने 183 रन का स्कोर सफलतापूर्वक डिफेंड कर लिया था।

इस मैच को बताया गेम चेंजिंग

इस खास दिन को 40 साल हो गए हैं और देशवासियों के साथ-साथ सभी खिलाड़ियों के दिमाग में भी अब तक उसकी याद ताजा है। 1983 में ज्यादातर लोगों का मानना है कि जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल देव द्वारा खेली गई 175 रन की पारी ने टीम का हौसला बढ़ाया और वहीं से सबकुछ बदल गया। लेकिन 1983 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहे और वर्तमान में बीसीसीआई के चीफ रोजर बिन्नी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ लीग मैच टीम का गेम चेंजिंग मोमेंट था।

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