दो हिस्सों में होगा रणजी ट्रॉफी का अगला सीजन, सीके नायडू में भी होगा बड़ा बदलाव

बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी के अगले सीजन में कुछ बदलाव कर सकती है। 2024-25 सत्र के लिए घरेलू क्रिकेट कैलेंडर के पुनर्गठन का एक मसौदा प्रस्ताव बोर्ड की शीर्ष परिषद को भेजा गया है।

BCCI

बीसीसीआई और ऱणजी ट्रॉफी (साभार-BCCI)

तस्वीर साभार : भाषा
मुख्य बातें
  • दो हिस्सों में खेला जाएगा रणजी ट्रॉफी का अगला सीजन
  • सीके नायडू में नहीं होगा टॉस
  • चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने दिया था परामर्श

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) रणजी ट्रॉफी के आयोजन को दो हिस्सों में बांटने पर विचार कर रहा है जिसके मुताबिक इसका आयोजन 2024-25 सत्र में सफेद गेंद वाले टूर्नामेंटों सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी20) और विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर) से पहले और फिर इन टूर्नामेंट के बाद में होगा। यह पता चला है कि 2024-25 सत्र के लिए घरेलू क्रिकेट कैलेंडर के पुनर्गठन का एक मसौदा प्रस्ताव बोर्ड की शीर्ष परिषद को भेजा गया है। यह प्रस्ताव बीसीसीआई सचिव जय शाह, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण के परामर्श के बाद बनाया गया है।

इसमें एक अन्य प्रस्ताव सीके नायडू ट्रॉफी के लिए टॉस को खत्म करने का है जिसका आयोजन एक नई अंक प्रणाली के साथ किया जायेगा। रणजी ट्रॉफी के नये प्रस्तावित प्रारूप अनुसार लीग चरण के पांचों के आयोजन के बाद सफेद गेंद के टूर्नामेंट ( सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी) होंगे। शेष दो रणजी लीग मैच और नॉकआउट चरण के मुकाबले सीमित ओवरों के टूर्नामेंट के बाद आयोजित किये जायेंगे।

इसका मकसद सर्दियों के महीनों में देश के उत्तरी हिस्से में खराब मौसम से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ मैचों के बीच अंतराल सुनिश्चित करना है।

बीसीसीआई ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा है कि पिछले सत्र की रणजी ट्रॉफी के दौरान दो मैचों के बीच सिर्फ तीन दिन का अंतराल था। इसमें यात्रा भी शामिल थी, जिससे खिलाड़ियों को आराम करने और तरोताजा होने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।

शाह ने शनिवार को मीडिया को बताया, ‘‘खिलाड़ियों को तरोताजा होने के लिए पर्याप्त समय देने और पूरे सत्र में शीर्ष प्रदर्शन बनाए रखने के लिए मैचों के बीच अंतराल बढ़ाया जाएगा।’’ इस प्रस्ताव के अनुसार घरेलू सत्र दलीप ट्रॉफी के साथ शुरू होगा, जिसमें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा चुनी जाने वाली चार टीमें शामिल होंगी।

बिना सीकेनायडू में नहीं होगा टॉस

ईरानी कप दलीप ट्रॉफी के बाद होगा जिसके बाद रणजी ट्रॉफी के पहले चरण को आयोजित किया जायेगा। सीके नायडू ट्रॉफी में सिक्के से टॉस की प्रणाली को खत्म किया जाएगा और मेहमान टीम के पास पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का विकल्प चुनने का मौका होगा।

शाह ने कहा, ‘‘ सीके नायडू ट्रॉफी में संतुलन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई अंक प्रणाली लागू की जाएगी। इसमें पहली पारी में बल्लेबाजी और गेंदबाजी प्रदर्शन के लिए अंक शामिल हैं। इसके अलावा पहली पारी में बढ़त या जीत के लिए अंक भी शामिल हैं।’’ बोर्ड सत्र के अंत में सीके नायडू ट्रॉफी के लिए नियोजित नयी अंक प्रणाली की प्रभावशीलता का भी आकलन करेगा और यह निर्णय लिया जाएगा कि क्या इसे रणजी ट्रॉफी के आगामी सत्र में लागू किया जा सकता है।

महिला क्रिकेट में एक दिवसीय, टी20 और बहु-दिवसीय प्रारूप प्रतियोगिताओं सहित सभी अंतर-क्षेत्रीय टूर्नामेंटों में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा टीमों का चयन किया जाएगा।

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