Cricket Rules Explained: भारत में क्रिकेट का जमकर क्रेज है और यहां बचपन से लोग इस खेल का आनंद लेते हैं और इसके बारे में जानने की भी फैंस को काफी उत्सुकता रहती है। किसी भी मैच होने के लिए खिलाड़ियों के पास बल्ला होना चाहिए और गेंद भी जरूरी है। इसके बाद सबसे जरूरी चीज स्टंप होती है जिसपर पूरे खेल की बुनियाद टिकी है। क्रिकेट स्टंप में तीन स्टैंड तो होते ही हैं जो कि ग्राउंड में गढ़ जाते हैं और इसके साथ ऊपर दो बेल भी होती हैं जिन्हें गिल्लियां भी कही जाती है। कोई भी मैच बिना स्टंप के तो नहीं खेला जा सकता है लेकिन क्या बिना गिल्ली के इसका होना संभव है? आइए जानते हैं।
क्रिकेट एक रोमांचक खेल है और इसमें कई परिस्थितियां आ सकती है। ऐसे में हर तरह की परेशानी से निपटने के लिए इसके कुछ पुख्ता नियम बनाए गए हैं। इन्हें लंदन स्थित मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने बनाया है। एमसीसी द्वारा कुल 42 नियम बनाए गए हैं जिसके भी अलग-अलग भाग हैं। इन्हीं नियमों में स्टंप की भी जानकारी है।
कितनी होनी चाहिए स्टंप और बेल की लंबाई और चौड़ाई
एमसीसी के लॉ नंबर 8 में क्रिकेट स्टंप और बेल की लंबाई और चौड़ाई के बारे में जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक क्रिकेट के प्रत्येक स्टंप सेट की लंबाई 9 इंच होगी इसमें तीन लकड़ी के विकेट और 2 बेल होगी। स्टंप का ऊपरी भाग जमीन से 28 इंच ऊपर होना चाहिए। खेल की सतह के ऊपर स्टंप का हिस्सा बेलनाकार होगा, जिसका व्यास 1.38 इंच/3.50 सेमी से कम नहीं और 1.5 इंच/3.81 सेमी से अधिक नहीं होगा।
बेल का बाहर निकलने वाला हिस्सा 0.5 इंच से ज्यादा का नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बेल की लंबाई 4.13 इंच, बैरल की लंबाई 2.13 इंच होनी चाहिए। बेल स्टंप में पूरी तरह से फिट होनी चाहिए और कोई भी हिस्सा अलग से उठा हुआ नहीं दिखना चाहिए।
क्या बिना गिल्लियों के भी हो सकता है मैच?
स्टंप के ऊपर मौजूद गिल्लियां क्रिकेट में खास भूमिका निभाती है। हालांकि एमसीसी के नियमों के मुताबिक इसके बिना भी मैच कराया जा सकता है। एमसीसी के नियम 8.5 में इसका जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक अगर अंपायर को ऐसा लगता है कि हवा या फिर किसी ओर परेशानी के चलते बेल को हटाना जरूरी है तो वे आपसी सहमति से इसे हटा सकते हैं। लेकिन जैसे ही परिस्थितियां अच्छी होंगी बेल को फिर से लगाया जाना जरूरी है।
बिना बेल के मैच में होंगे ये नियम
अगर मैच बिना बेल के आयोजित किया जाता है तो अंपायर को ये सुनिश्चित करना होगा कि दोनों तरफ के स्टंप की बेल नहीं हो। इसके अलावा हॉक आई स्टंप को बेल सहित ही मानेगा जिसका मतलब है कि बल्लेबाजों को एल्बीडब्ल्यू अपील में फायदा नहीं मिलेगी। वहीं रनआउट करने के लिए विकेटकीपर को स्टंप गिराने की जरूरत नहीं होगी केवल बॉल के स्टंप से टच होने को ही सही मान लिया जाएगा। ऐसी परिस्थिति में अगर बॉल स्टंप से टकराती है और स्टंप नहीं गिरता है तब भी बल्लेबाज को आउट दे दिया जाएगा।
क्या बिना बेल के भी हो चुके हैं मैच
क्रिकेट के इतिहास में कई बार ऐसा देखा गया है कि बिना गिल्ली के ही मैच कराना पड़ा हो। रिपोर्ट्स की माने तो 1975 वर्ल्ड कप में भारत-इंग्लैंड के मैच का आयोजन बिना गिल्ली के किया गया था क्योंकि लॉर्ड्स में बारिश और तेज हवाओं का मौसम था। इसके अलावा हाल 2017 में अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच भी 2017 में वनडे मैच तेज हवाओं के चलते बिना बेल के खेला गया था। केवल ये दो मैच नहीं कई और मुकाबले भी ऐसे बिना गिल्लियों के खेले गए हैं।