EXPLAINED: क्या टीम के लिए कप्तानी छोड़ देना ही रोहित शर्मा की होगी सबसे बड़ी कुर्बानी?
Rohit Sharma captaincy: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में करारी हार के बाद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या अब ये सही समय आ गया है कि वे कमान किसी और को सौंप दें।
रोहित शर्मा के क्यों छोड़ देनी चाहिए कप्तानी
Rohit Sharma captaincy: एक सच्चा लीडर वही होता है तो अपने गुट को बांधकर रखे, एक मार्गदर्शक वहीं कहलाता है जो कि दूसरों के लिए कठिन फैसले लेने से भी नहीं पीछे हटे और एक कप्तान वहीं होता है जो टीम के हित के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार हो। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा में ये सारी खूबियां मौजूद है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में उन्होंने टीम का ध्यान रखते हुए अपनी ओपनिंग पोजिशन खाली कर दी और छठे नंबर पर उतरे। इसकी सराहना होनी चाहिए लेकिन क्या ये काफी है? या फिर उन्हें एक और बड़ी कुर्बानी के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए?
भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे की शानदार शुरुआत की और पर्थ में जसप्रीत बुमराह की शानदार कप्तानी में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। जीत के रथ पर सवार भारतीय टीम के परमानेंट कप्तान रोहित शर्मा की दूसरे टेस्ट मैच में वापसी हुई हालांकि वे ना ही बल्ले से और ना ही कप्तानी से किसी को इंप्रेस कर पाए। उनके चेहरे पर कम रनों का दबाव साफ झलकता हुआ नजर आ रहा था। ऐसे में सोशल मीडिया और कई एक्सपर्ट्स की राय है कि रोहित शर्मा को टीम के लिए और खुद के फायदे के लिए भी कप्तानी छोड़ देनी चाहिए।
कप्तान बनने के बाद परफॉर्मेंस में कमी
2019 के बाद से, रोहित शर्मा की तुलना में किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में अधिक रन नहीं बनाए हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से रन कम होते जा रहे हैं और प्रत्येक बीतते खेल के साथ, उनकी कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं। रोहित 2022 में कप्तान बने थे। उस साल उन्होंने केवल 2 ही मैच खेले और इसमें 90 रन बनाए। अगले साल 2023 में रोहित ने 8 मैच खेले और इसमें 41 की एवरेज से 545 रन बनाए। इसमें भी उनके ज्यादातर रन भारत में आए। वे द.अफ्रीका जैसी मुश्किल कंडीशन में केवल 5 रन बना पाए। इसके बाद बात आती है 2024 की जो कि अब तक उनके लिए काल बनकर साबित हो रहा है। वे पिछली 13 पारियों में केवल 2 बार 50 का आंकड़ा पार कर पाए हैं। इसके पीछे कप्तानी का प्रेशर भी हो सकता है।
कप्तानी में भी दिख रही खामियां
रोहित शर्मा व्हाइट बॉल में भारत के सबसे शानदार कप्तानों में से एक हैं। लेकिन रेड बॉल में ऐसा अभी तक कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने 22 मैचों में कप्तानी की है और इसमें से 12 में जीत दिलाई है और 8 में टीम को हार मिली है। हालांकि सेना देश (द.अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड) में वे 4 में से केवल एक मैच में टीम को जीत दिला पाए हैं। वे भारत के पहले कप्तान हैं जिनकी लीडरशिप में देश को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में अपने ही देश में हार का सामना करना पड़ा है।एडिलेड में खेले गए टेस्ट मैच में भी उनके पास ट्रेविस हेड को आउट करने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं था। गेंदबाजी में बदलाव पर भी सवाल उठे। इसके पीछे रनों की कमी और पिछली सीरीज में हार का दबाव भी हो सकता है और रोहित में वापसी की कला भी है लेकिन टीम के पास अच्छे विकल्प मौजूद हैं और वे चाहे तो किसी ऐसे खिलाड़ी को कप्तानी दे सकते हैं जिस पर दबाव कम हो और इससे रोहित को अपनी बैटिंग सुधारने का भी मौका मिल जाएगा।
धोनी ने भी बीच सीरीज में छोड़ी थी कप्तानी
एक अन्य भारतीय कप्तान, एमएस धोनी ने ठीक एक दशक पहले ऑस्ट्रेलिया में ऐसा किया था, जब उन्होंने 30 दिसंबर, 2014 को अपनी टेस्ट कप्तानी और करियर को अलविदा कह दिया था।कुछ अजीब संयोग भी हैं। दोनों दौरे के पहले मैच में शामिल नहीं थे और कुछ समय पहले ही अपने करियर में कप्तान के रुप में शिखर पर पहुंचे थे। धोनी ने भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का खिताब दिलाया था, जबकि रोहित भारत के 11 साल के ICC खिताब के सूखे को खत्म करने और T20 विश्व कप 2024 की ट्रॉफी उठाने के बाद कप्तान के रुप में टॉप पर हैं। लेकिन धोनी जानते थे कि उनका खेल गिर रहा है, और एक और सितारा, विराट कोहली, उभर रहा था। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि भारत ऑस्ट्रेलिया में जीतेगा, और अभी भी श्रृंखला में (0-1 से पीछे) होने के बावजूद, धोनी ने संन्यास लेने का फैसला किया। रोहित भी लगभग यहीं ही खड़े हैं। हालांकि रोहित को रेड बॉल पसंद है और वे बिना कप्तान रहकर भी भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाज हो सकते हैं और अपनी शैली में आराम से खेल सकते हैं।
ये खिलाड़ी कप्तान बनने के लिए तैयार
रोहित शर्मा अगर कप्तानी छोड़ने का फैसला लेते हैं तो टीम के पास अच्छे विकल्प मौजूद हैं। भारतीय टीम के उप-कप्तान जसप्रीत बुमराह जिन्होंने पर्थ में सभी को इंप्रेस किया था वे भी कमान संभाल सकते हैं। बुमराह सालों से खेल रहे हैं और उनका अनुभव टीम के लिए काम आ सकता है। बुमराह के अलावा ऋषभ पंत भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं। पंत हमेशा विकेट के पीछे से गेंदबाजों की मदद करते हैं और फील्डिंग जमाने में भी योगदान देते हैं। उनके अंदर जीत की भूख है जो कि टीम के काम आ सकती है।
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SIddharth Sharma author
सिद्धार्थ शर्मा, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर अक्टूबर 2023 से ज...और देखें
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