Border Gavaskar Trophy: सात साल पहले आखिरी टेस्ट खेलने वाले प्लेयर को है टीम में वापसी का आस

भारत के खिलाफ नवंबर से शुरू होने वाली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से ठीक पहले टेस्ट टीम में वापसी से ठीक पहले ग्लैन मैक्सवेल ने कहा है कि उनके अंदर टेस्ट क्रिकेट खेलने की लालसा बरकरार है।

ग्लेन मैक्सवेल

मुख्य बातें
  • सात साल से टेस्ट मैच खेलने का नहीं मिला है मैक्सवेल को मौका
  • साल 2017 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था आखिरी टेस्ट
  • आगामी श्रीलंका दौरे के लिए टीम में शामिल होने की है आस

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों की क्रिकेट के स्टार ग्लेन मैक्सवेल ने भले ही सात साल से ‘बैगी ग्रीन’ नहीं पहनी हो, लेकिन इस 36 साल के खिलाड़ी ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में खेलने की लालसा अब भी उनके अंदर है और अगर वह अपने इस सपने को त्याग देते हैं तो यह उस युवा मैक्सवेल के साथ अन्याय होगा जिसने लंबे प्रारूप में खेलने का सपना देखा था।

सामित ओवरों की क्रिकेट में मैक्सवेल ने छोड़ी है छाप

मैक्सवेल ने सीमित ओवरों की क्रिकेट में अपनी विशेष छाप छोड़ी है लेकिन वह अभी तक केवल सात टेस्ट मैच भी खेल पाए हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट में 2017 में ऑस्ट्रेलिया के बांग्लादेश दौरे के दौरान खेला था। मैक्सवेल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा,'मेरा मानना है कि अगर मैंने टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना छोड़ दिया तो यह उस युवा ग्लेन मैक्सवेल के साथ अन्याय होगा जिसने बचपन से ही किसी भी कीमत पर बैगी ग्रीन कैप पहनने का सपना देखा था। जब अब भी उम्मीद की किरण बनी हुई है, तो मैं यह सपना देखता रहूंगा।'

इस टीम के खिलाफ कर सकते हैं टेस्ट टीम में वापसी

मैक्सवेल का भारत के खिलाफ आगामी श्रृंखला में टीम में जगह बनाना मुश्किल है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जनवरी में श्रीलंका के दौरे के लिए वह टेस्ट टीम में वापसी कर सकते हैं। उन्होंने कहा,'जब मैं बड़ा हुआ तो टेस्ट क्रिकेट में ही खेलना चाहता था। मेरा मानना है कि मुझे टेस्ट क्रिकेट में समय से थोड़ा पहले पदार्पण का मौका मिला। यह सब कुछ बहुत जल्दी हुआ और मैं नहीं जानता था कि मुझे क्या करना है। मुझे तब प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने का उतना अनुभव नहीं था जितना कि मैं चाहता था।'

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