रोहित शर्मा की कप्तानी के समर्थन में आए ये दिग्गज, बोले- जरूरत से ज्यादा हो रही आलोचना

Harbhan Singh support of Rohit Sharma: रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया इन दिनों वेस्टइंडीज दौरे पर है। भारत और वेस्टइंडीज के बीच 10 मैचों की सीरीज खेली जाएगी। लेकिन इससे पहले रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर आलोचना होनी शुरू हो गई है। इस बीच भारतीय टीम के पूर्व धाकड़ गेंदबाज ने रोहित का समर्थन किया है।

Harbhan Singh support of Rohit Sharma

रोहित शर्मा और हरभजन सिंह। (फोटो- Twitter)

तस्वीर साभार : भाषा
Harbhan Singh support of Rohit Sharma: पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह का मानना है कि रोहित शर्मा को आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट प्रणाली से पूरे समर्थन की जरूरत है क्योंकि लोग उनकी कप्तानी की आलोचना जरूरत से ज्यादा कर कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से भारतीय कप्तान को प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसमें महान सुनील गावस्कर भी शामिल हैं। गावस्कर का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में उनका नेतृत्व अच्छा नहीं था।
हरभजन ने रोहित की कप्तानी में मुंबई इंडियन्स के लिए खेला और और उन्होंने भारत के साथ ही मुंबई की टीम के ड्रेसिंग रूम में भी इस खिलाड़ी को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि रोहित को वहां अपने साथी खिलाड़ियों से काफी सम्मान मिलता था। हरभजन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के अगले टेस्ट मैच से पहले पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे लगता है कि लोग कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ (रोहित की आलोचना के मामले में) रहे हैं। क्रिकेट एक टीम खेल है और एक व्यक्ति आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जा सकता है।’
भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले हरभजन ने कहा, ‘भारतीय टीम ने डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) फाइनल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। आप उस प्रदर्शन के बारे में बात करते हैं और वहां से आगे बढ़ते हैं। इसके लिए सिर्फ रोहित की आलोचना करना अनुचित है कि वह रन नहीं बना रहे हैं और वह अच्छी कप्तानी नहीं कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वह एक शानदार कप्तान है।’ हरभजन के कहा कि रोहित को अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने के लिए समय दिया जाना चाहिये और उन्हें इसमें समर्थन मिलना चाहिये।
इस पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘मैंने उसके (रोहित) साथ खेला है और उसे करीब से देखा है। उसे न केवल मुंबई इंडियन्स के ड्रेसिंग रूम में बल्कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी बहुत सम्मान मिलता है। इसलिए मुझे लगता है कि हाल के परिणामों के आधार पर उसका आकलन करना अनुचित है।’ उन्होंने कहा, ‘वह आने वाले समय में अच्छा करेगा। हमें उस पर विश्वास दिखाने की ज़रूरत है और हमें उनका समर्थन करने की ज़रूरत है। हमें यह कहने से बचना चाहिये कि वह अच्छा नहीं कर रहे हैं। ’
अतीत में प्रभावशाली भारतीय कप्तानों को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) और उसके सबसे शक्तिशाली प्रशासक से अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता रहा है। सौरव गांगुली के लिए, जगमोहन डालमिया का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण था, जबकि महेंद्र सिंह धोनी को अपने कप्तानी कार्यकाल के दौरान हमेशा बीसीसीआई के एक अन्य मजबूत नेता एन श्रीनिवासन का समर्थन प्राप्त था। इसी तरह कोहली ने अपनी कप्तानी में उस समय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जब विनोद राय की अध्यक्षता में प्रशासकों की समिति बोर्ड का संचालन कर रही थी। राय कोहली के फैसलों का पूरा समर्थन करते थे।
हरभजन ने उम्मीद जतायी कि रोहित को बीसीसीआई से वैसा ही समर्थन मिलेगा जैसा उनके पहले के कप्तानों को मिला था। उन्होंने कहा, ‘अगर आपको बीसीसीआई से समर्थन प्राप्त है, तो आप स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं। सिर्फ एमएस धोनी या विराट कोहली ही नहीं, अगर आप थोड़ा और पीछे जाएं, तो कई कप्तानों को उस समय के बीसीसीआई अध्यक्षों से समर्थन मिला है। रोहित को भी बीसीसीआई से समर्थन मिल रहा होगा। मुझे नहीं पता कि उन्हें कितना समर्थन मिल रहा होगा । इस तरह का समर्थन मिलने से उन्हें सही समय पर सही फैसला करने में मदद मिलेगी।’
हरभजन ने चेतेश्वर पुजारा को टीम से बाहर करने की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट ने उनके योगदान की सराहना करना नहीं सीखा है। उन्होंने कहा, ‘चेतेश्वर पुजारा ने जो हासिल किया है। मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है। वह कई वर्षों से भारतीय टीम के गुमनाम नायक रहे हैं। वह भारतीय बल्लेबाजी का स्तंभ है जो क्रीज पर जमे रहने का मुश्किल काम करता है।’ हरभजन ने उनके प्रति सम्मान की कमी पर नाराजगी जताते हुए कि इस टीम में प्रदर्शन को आंकने का पैमाना हर सीनियर खिलाड़ी के लिए एक समान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि उन्हें जितना सम्मान दिया गया है, उससे थोड़ा अधिक सम्मान देने की जरूरत है और जिस तरह से उन्हें टीम से बाहर किया गया, वह मेरे लिए आश्चर्य की बात थी। क्योंकि वह अकेले नहीं हैं जो रन नहीं बना रहे हैं। ऐसे और भी लोग हैं।’
हरभजन ने किसी अन्य खिलाड़ी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह उसी अवधि के दौरान विराट कोहली का औसत भी 30 रन के आस-पास रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि नियम सभी के लिए समान होने चाहिए, अलग-अलग लोगों के लिए अलग नहीं। अगर आप किसी सीनियर खिलाड़ी को बाहर करते हैं तो आपको उन्हें यह समझाना चाहिये कि टीम को उनसे क्या उम्मीद है।’ हरभजन ने कहा, ‘जब आप विदेशी दौरे (खासकर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका) का दौरा करते हैं तो आपको एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होती है जो एक छोर से पारी को संवार सके। आपको चेतेश्वर पुजारा की तरह एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होती है जिसके इर्द-गिर्द दूसरे बल्लेबाज तेजी से रन बनाने की कोशिश करे।’
हरभजन ने इस मौके पर टेस्ट टीम में वापसी करने वाले अजिंक्य रहाणे की तारीफ की जिन्होंने डब्ल्यूटीसी फाइनल में 89 और 46 रन की अहम पारियां खेली। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से उन्होंने वापसी की वह शानदार थी। उसने डब्ल्यूटीसी फाइनल में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया था। वह फिर से उपकप्तान हैं। आपको इन खिलाड़ियों पर विश्वास दिखाने की ज़रूरत है ताकि वे फिर से अच्छा प्रदर्शन कर सकें।’ सरफराज खान के टीम में चयन नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर हरभजन ने कहा कि चयनकर्ताओं को मुंबई के इस युवा बल्लेबाज से बात करने की जरूरत है । उन्हें बताया जाना चाहिये कि उन्हें अपने खेल में और क्या सुधार करने की जरूरत है।
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