इंदौर टेस्ट के पहले पहले दिन क्यों सस्ते में ढेर हुई टीम इंडिया, बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने बताई वजह

भारतीय क्रिकेट टीम इंदौर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के पहले दिन बमुश्किल एक सेशन खेल पाई और 109 रन बनाकर ढेर हो गई। ऐसे में टीम इंडिया के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने बताया है कि क्यों भारतीय टीम घुटने के बल ढेर हो गई।

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राहुल द्रविड़, विक्रम राठौड़ और रोहित शर्मा

तस्वीर साभार : भाषा
इंदौर: बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के शुरुआती दिन मेजबानों के पहली पारी में 109 रन पर ढेर होने के बाद बुधवार को कहा कि भारतीय बल्लेबाजों के लिये दिन निराशाजनक रहा क्योंकि पिच उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा टर्न ले रही थी। इसी पिच पर ऑस्ट्रेलिया ने स्टंप तक चार विकेट गंवाकर 156 रन बनाये और 47 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।
खेल के पहले ही घंटे में गेंद टर्न लेने लगी जिसे कई ने पिच की प्रकृति को लेकर आलोचना थी। भारतीय टीम एक सत्र से जरा ज्यादा समय में ही आउट हो गयी जिसमें ऑस्ट्रेलिया के बायें हाथ के स्पिनर मैट कुहनेमैन ने 16 रन देकर पांच विकेट झटके। हालांकि राठौड़ ने कहा कि घरेलू सरजमीं पर टर्निंग पिच पर खेलना टीम का मजबूत पक्ष है।
राठौड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'यह निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण विकेट है। हमने जितनी उम्मीद की थी,यह उससे ज्यादा टर्न ले रहा है। ऐसा शायद नमी के कारण हो, गेंद सुबह में तेजी से टर्न ले रही थी। हम निश्चित रूप से इससे ज्यादा रन बना सकते थे लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी ने भी खराब क्रिकेट खेला। बल्लेबाजी इकाई के तौर पर बस यह हमारे लिये निराशाजनक दिन रहा।'
टर्न लेती पिच पर खेलने के जोखिम के बारे में बात करते हुए राठौड़ ने कहा कि कभी कभार वे भी इसमें पिछड़ सकते हैं लेकिन यह हमेशा टीम की मजबूती रहेगा। उन्होंने कहा,'निश्चित रूप से बल्लेबाजी इकाई के तौर पर आप कभी-कभी आउट हो सकते हो लेकिन हम अब भी टर्निंग पिच पर खेलने को तरजीह देते हैं। यह हमारी मजबूती है, बतौर इकाई हम इसमें काफी मजबूत हैं। ईमानदारी से कहूं तो यह अपनी तरह का अलग विकेट है। मुझे नहीं लगता कि शुरूआती दो मैचों के विकेट खराब थे। हमने जैसी उम्मीद की थी यह शायद थोड़ा सूखा है और हमने यह देखा भी। टेस्ट मैच के पहले दिन इस पर काफी ज्यादा टर्न था, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा था।'
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा,'क्यूरेटरों को विकेट तैयार करने के लिये बमुश्किल से समय मिला। यहां रणजी सत्र था और काफी देरी से मैच का फैसला किया गया जो धर्मशाला से यहां स्थानांतरित किया था। उन्हें काफी समय नहीं मिला।'
राठौड़ को लगता है कि जैसे जैसे दिन आगे बढ़ा होगा,विकेट आसान होता गया होगा। ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा ने 147 गेंद में 60 रन की पारी खेली और पिच सुबह की तरह इतनी तेजी से टर्न लेती नहीं दिख रही थी। यह पूछने पर कि क्या बल्लेबाज अपनी रणनीति से भटक गये तो उन्होंने नहीं में जवाब देते हुए कहा, 'ऐसा नहीं है। योजना अपने ‘डिफेंस’ पर भरोसा करने की थी और लूज गेंद का इंतजार करके ज्यादा से ज्यादा रन बटोरने की थी। यह उन दिनों में एक रहा जब आपका हर शॉट क्षेत्ररक्षकों के हाथ में चला गया। हमारे लिये दिन निराशानजक रहा।'
ऑस्ट्रेलिया के बढ़त लेने पर राठौड़ ने कहा, 'बढ़त लेना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि उन्हें इस पिच पर चौथी पारी में भी बल्लेबाजी करनी होगी। अब चुनौती उन्हें कम से कम स्कोर पर समेटने की होगी। हमें दूसरी पारी में अच्छा स्कोर बनाना होगा।'
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