'डारलिंग' का छक्काः ये था क्रिकेट इतिहास का सबसे अनोखा और यादगार सिक्सर

Cricket Throwback, Joe Darling sixer: आज ही के दिन उस खिलाड़ी का जन्म हुआ था जिसने क्रिकेट को एक नई परिभाषा दी। अपने हुनर से इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने ना सिर्फ अपने देश का कप्तान बनने का गौरव हासिल किया बल्कि कुछ ऐसा भी कर दिखाया जो हमेशा के लिए क्रिकेट इतिहास के लिये यादगार पल बन गया।

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टेस्ट क्रिकेट का अनोखा रिकॉर्ड (AP- Representative image)

Cricket Throwback 21 November: क्रिकेट की दुनिया में तमाम तरह के रिकॉर्ड्स, आंकड़े फैंस के सामने आते रहे हैं। सालों पुराने इस खेल में कई ऐसे रिकॉर्ड बने जिन्हें तोड़ पाना मुश्किल है, कुछ ऐसे भी बने जिनको तोड़ा भी गया, वहीं कुछ ऐसे भी यादगार पलों को अंजाम दिया गया जिनको तोड़ा नहीं जा सकता, बस याद किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ अंजाम दिया था आज के दिन जन्मे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान जो डारलिंग ने।

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में 21 नवंबर 1870 को जन्मे जो (जोसेफ) डारलिंग को क्रिकेट इतिहास के खास कप्तानों में शुमार किया जाता है। वो उस दौर में ऑस्ट्रेलियाई टीम में आए जब मुकाबले ज्यादातर सिर्फ इंग्लैंड की टीम से होते थे। क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप- टेस्ट क्रिकेट का खेल होता था और उस प्रतिद्वंद्विता का सफर आज भी जारी है।

पहला शतकीय रिकॉर्ड

उस दौर में जो डारलिंग ऑस्ट्रेलियाई टीम के टेस्ट कप्तान बने और वो इंग्लैंड के कई दौरों पर भी गए जहां उन्होंने टीम की अगुवाई की। हम यहां जिस यादगार पल की बात करने जा रहे हैं, उसको उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर इंग्लैंड की टीम के खिलाफ 1897-98 में अंजाम दिया था। उस सीरीज में पहले तो उन्होंने एक शानदार शतक जड़ा और वो टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ने वाले बाएंं हाथ के पहले बल्लेबाज बन गए।

वो यादगार व दिलचस्प छक्का

उसके बाद उसी सीरीज में दो मैच बाद जो डारलिंग ने वो कर दिखाया जो टेस्ट इतिहास में कभी नहीं हुआ था। उन्होंने एडिलेड के मैदान पर खेलते हुए इंग्लैंड की टीम के खिलाफ अपनी पारी के दौरान एक शानदार छक्का जड़ा। वो छक्का टेस्ट इतिहास का पहला छक्का साबित हुआ। यही नहीं, ये छक्का भी कोई आम शॉट नहीं था। दरअसल, उन दिनों छक्का जड़ने के लिए गेंद को सीधे मैदान से बाहर पहुंचाना होता था। अगर गेंद सिर्फ बाउंड्री पार गिरी तो 5 रन मिलते थे।

बाद में नियम बदले और उसी के साथ बाउंड्री पर गेंद जाने को छक्का माना जाने लगा लेकिन पहला छक्का जड़ने का रिकॉर्ड हमेशा के लिए जो डारलिंग के नाम दर्ज हो गया। वो एक शानदार कप्तान भी साबित हुए थे। उनकी कप्तानी के दौरान 21 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 4 मैच गंवाए थे।

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लेटेस्ट न्यूज

शिवम अवस्थी author

शिवम् अवस्थी टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में स्पोर्ट्स डेस्क के इंचार्ज हैं। वो कानपुर से ताल्लुक रखते हैं। इनको खेल पत्रकारिता में तकरीबन 16 सालों का...और देखें

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