छह बार की विश्व चैम्पियन मैरी कोम मुक्केबाजी को क्यों कहना चाहती हैं अलविदा, खुद किया खुलासा

London Olympic Bronze Medalist Mary Kom: भारतीय स्टार मैरी कोम मुक्केबाजी को अलविदा कहना चाहती हैं। एमसी मैरी कोम के पास पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए अधिक समय नहीं हैं, क्योंकि उनकी नजरें एशियाई खेलों के साथ मुक्केबाजी को अलविदा कहने पर टिकी हैं।

Mary Kom

मैरी कॉम। (फोटो - मैरी कोम के ट्विटर से)

तस्वीर साभार : भाषा

London Olympic Bronze Medalist Mary Kom: छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एमसी मैरी कोम के पास पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए अधिक समय नहीं हैं, क्योंकि उनकी नजरें एशियाई खेलों के साथ मुक्केबाजी को अलविदा कहने पर टिकी हैं। मैरी कोम को अगले साल संन्यास लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों के चयन ट्रायल के दौरान अपने बाएं घुटने के मुड़ने के कारण इस अनुभवी मुक्केबाज का एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) टूट गया था और अगस्त में उन्हें सर्जरी करानी पड़ी।

जल्द वापसी की कोशिश कर रहीमैरी कोम ने महिला विश्व चैम्पियनशिप से पहले भारतीय टीम की जर्सी के अनावरण के मौके पर कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। मुझे बड़ी चोट लगी और मुझे सर्जरी करवानी पड़ी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जल्द वापसी की कोशिश कर रही हूं, क्योंकि मेरे पास केवल इस साल का समय है। अगले साल मैं संन्यास लेने के लिए मजबूर हो जाऊंगी। इसलिए इस साल मैं संन्यास से पहले किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं।’

नियमों के मुताबिक मुक्केबाज के लिए भागीदारी की अधिकतम उम्र 40 साल है और मणिपुर की यह मुक्केबाज नवंबर में 41 साल की हो जाएगी।

अगले 5 सालों तक करना चाहती हूं प्रतिस्पर्धा मैरी कोम ने कहा, ‘मैं संन्यास नहीं लेना चाहती। मैं अगले पांच वर्षों तक प्रतिस्पर्धा करना चाहती हूं, लेकिन 40 की उम्र से ऊपर हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, यही नियम है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मुख्य लक्ष्य एशियाई खेल हैं। उम्मीद है कि मैं तब तक ठीक हो जाऊंगी। मेरे पास तैयारी के लिए भी समय होगा। संन्यास से पहले इस साल एक बार प्रतिस्पर्धा करना मेरा सपना है।’ पिछले साल स्थगित किए गए एशियाई खेल इस साल 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने हैं।

इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में चयन के लिए लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडल विजेता मेरीकोम को नई चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसके लिए मुक्केबाज को राष्ट्रीय शिविर में एक मूल्यांकन परीक्षा से गुजरना होगा।

जल्द शुरू कर दूंगी ट्रेनिंग

उन्होंने कहा, ‘मेरी रिकवरी बहुत अच्छी चल रही है। बहुत जल्द मैं दौड़ने और ट्रेनिंग करने में सक्षम हो जाऊंगी। मैं अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हूं। अगर मैं प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो जाती हूं तो मैं चयन के लिए मुक्केबाजों को हराने की कोशिश करूंगी।’ मैरी कोम ने कहा, ‘अगर मैं एशियाई खेलों के लिए फिट नहीं होती हूं तो मैं एक बार किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं।’एशियाई खेल 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग प्रतियोगिता भी है और अगर मैरी कोम जीतती हैं तो उन्होंने पेरिस खेलों के लिए एक कोटा मिलेगा जहां वह अपनी उम्र के कारण भाग लेने के लिए पात्र नहीं होंगी।

भारत कम से कम तीन जीतेगा गोल्ड

साल 2006 और 2018 में भारत की इस प्रतियोगिता की मेजबानी के दौरान गोल्ड मेडल जीतने वाली मैरी कोम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत कम से कम तीन गोल्ड जीतेगा। पिछले कई वर्षों से हमारी लड़कियां अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इस बार हम मेजबानी कर रहे हैं तो क्यों नहीं।’ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने टूर्नामेंट के लिए बड़ी पुरस्कार राशि की घोषणा की है, जिसमें गोल्ड मेडल विजेता को एक लाख अमेरिकी डॉलर, सिल्वर मेडल विजेता को 50 हजार अमेरिकी डॉलर और ब्रॉन्ज मेडल विजेता को 25 जार अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे।

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