MCC को है चिंता, ज्यादा लीग से खत्म न हो जाए इंटरनेशनल क्रिकेट की रोचकता

एमसीसी ने लगातार बढ़ रही लीग को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने बढ़ती लीग को लेकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को बचाने की जरुरत है। एमसीसी के अनुसार फ्रेंचाइजी लीग की अधिकता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) पर बहुत अधिक दबाव डाल रही है।

रविचंद्रन अश्विन

क्रिकेट की नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को बचाने के लिए ‘तत्काल हस्तक्षेप’ करने की अपील की है।

नवीनतम एसएलटी20 और आईएलटी20 सहित फ्रेंचाइजी लीग की अधिकता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) पर बहुत अधिक दबाव डाल रही है, जिससे कमजोर सदस्य देशों द्वारा खेले जाने वाले मैचों की संख्या में ‘खतरनाक असमानता’ पैदा हो रही है।

बिग थ्री में शामिल भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का बड़ा हिस्सा मिलता है, जबकि अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे जैसे टेस्ट खेलने वाले छोटे देशों को बेहद व्यस्त एफटीपी के कारण शीर्ष टीमों के खिलाफ अधिक मुकाबले खेलने को नहीं मिलते। एमसीसी ने कहा कि दुबई में आयोजित बैठक का उद्देश्य यह जांचना था कि छोटे प्रारूप की फ्रेंचाइजी लीग से भरे व्यस्त वैश्विक क्रिकेट कार्यक्रम के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कैसे संरक्षित किया जा सकता है और अगले 10 वर्षों में वैश्विक क्रिकेट कैसा दिखेगा?

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