पिताजी चलाते थे ऑटो, जानिए कौन हैं बिहार के क्रिकेटर मुकेश कुमार जिनकी रफ्तार मचा रही है तबाही

Who is Mukesh Kumar, Fast bowler from Bihar: पहले न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ खेलते हुए इंडिया-ए की तरफ से जलवा बिखेरा और अब बांग्लादेश-ए के खिलाफ भी कमाल कर दिया है मुकेश कुमार ने। कौन है ये तेज गेंदबाज जो अचानक से सुर्खियों में आने लगा है, क्या है उसकी कहानी।

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कौन हैं मुकेश कुमार (BCCI)

इंडिया-ए और बांग्लादेश-ए के बीच खेले जा रहे दूसरे अनधिकृत टेस्ट मैच में इंडिया-ए की तरफ से तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने विरोधी बेल्लेबाजों के छक्के छुड़ा दिए हैं। उन्होंने मंगलवार को बांग्लादेश-ए टीम के खिलाफ 6 विकेट झटके। इससे पहले न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ भी वो धमाल मचा चुके हैं। धीरे-धीरे ये तेज गेंदबाज भारतीय क्रिकेट टीम में एक बड़ा नाम बनने की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। आइए जानते हैं कि कौन हैं मुकेश कुमार।

कौन हैं मुकेश कुमार?

मुकेश कुमार एक बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते है, मुकेश का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के एक बेहद छोटे गांव काकड़कुंड में हुआ है। गांव इतना गुमनाम है कि अगर आप जिले के सदर प्रखंड स्थित इस गांव के बारे में किसी से पूछ ले तो शायद ही कोई यहां के बारे में बता पाएं, लेकिन लोगों का कहना है जब से मुकेश कुमार को टीम इंडिया में मौका मिला था तब से लोग गांव देखने आते हैं।

मुकेश और उनके परिवार का संघर्ष

मुकेश एक ऐसे राज्य से आते है, जहां खेल-कूद के लिए बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी अभाव है। इसलिए लोग अपने बच्चों को सरकारी नौकरी में ही भेजना पसंद करते हैं। लेकिन इसी बिहार में कई ऐसे परिवार भी हैं जो अपने बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करते है, इन्हीं में से एक मुकेश का परिवार भी है। साल 2000 के बाद से 2008 तक बिहार की कोई टीम रणजी खेलने नहीं गई, कई ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी थे जो इस वजह से सहीं मुकाम तक नहीं पहुंच पाए। लेकिन मुकेश अपने सपने को धूमिल होते नहीं देखना चाहते थे इसलिए उन्होंने बंगाल का रूख किया, मुकेश के पिता काशीनाथ सिंह एक टैक्सी चालक थे और वो कोलकाता में ही टैक्सी चलाते थे। मुकेश की माता जी गृहणी हैं। बिहार के हर पिता के तरह मुकेश के पिता काशीनाथ जी भी चाहते है उनका बेटा सरकारी अफसर बने और मुकेश ने पिता के सपना को पूरा करने के लिए सीआरपीएफ की परिक्षा भी दी, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था, उन्हें इस परिक्षा में सफलता नहीं मिली।

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स्थानीय प्रतियोगिता के प्रदर्शन से चर्चा में आए थे मुकेश

साल 2006-07 के करीब बिहार के गोपालगंज जिले में ही एक टैलेंट हंट प्रतियोगिता में मुकेश ने 7 मैच खेलते हुए 35 विकेट लिए। उन्होंने इस दौरान एक हैट्रिक भी ली, तब मुकेश पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गए थे। मुकेश की प्रतिभा को देख उन्हें हेमन ट्राफी के जिला टीम में जगह दी गई। मुकेश ने स्टीयरिंग कमिटी का अंडर-19 टूर्नामेंट में बिहार का प्रतिनिधित्व किया लेकिन उस समय बिहार की कोई रणजी टीम नहीं हुई करती थी तो मुकेश अपने पापा के पास कोलकता चले गए। बंगाल से ही खेलते हुए उन्होंने अपनी बीए की पढ़ाई भी पूरी की। उन्हें पश्चिम बंगाल की टीम से रणजी खेलने का मौका मिला।

कैसा रहा मुकेश का अबतक का सफर

27 साल के मुकेश तेज गेंदबाज हैं, वो राइट ऑर्म मीडियम बॅालिंग करते हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज भी हैं। मुकेश ने 30 फर्स्ट क्लास मैच में 109 विकेट लिए। फर्स्ट क्लास खेलते हुए मुकेश ने 5 बार पारी में 5 विकेट लिए हैं। पश्चिम बंगाल की तरफ से रणजी में खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, मुकेश न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। पश्चिम बंगाल के लिए लगातार दो सीजन रणजी खेलते हुए उन्होंने 30 से अधिक विकेट झटके, जिसके बाद से चयनर्कताओं की नजर उन पर पड़ी।

- गौरव मिश्रा की रिपोर्ट

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