टीम इंडिया में चुने जाने के बाद भावुक हुआ गोपालगंज का लाल, कहा-काश आज पापा जीवित होते...
Who is Mukesh Kumar: भारतीय क्रिकेट टीम में बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले और बंगाल की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले तेज गेंदबाज मुकेश कुमार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैच की वनडे सीरीज के लिए चुना गया है। टीम इंडिया का बुलावा मिलने के बाद मुकेश अपने दिवंगत पिता को याद करके भावुक हो गए।
नई दिल्ली: मुकेश कुमार को राष्ट्रीय टीम में चयन के बारे में तब तक पता नहीं चला था जब तक उन्हें भारतीय टीम के आधिकारिक वाट्सएप ग्रुप में शामिल नहीं किया गया। मुकेश ने राजकोट से पीटीआई से कहा, 'मैं बहुत भावुक हो गया। सब धुंधला सा लग रहा था। मुझे सिर्फ अपने दिवंगत पिता काशी नाथ सिंह का चेहरा याद आ रहा था। जब तक मैं बंगाल के लिये रणजी ट्रॉफी में नहीं खेला, तब तक मेरे पिता को नहीं लगा कि मैं पेशेवर तौर पर खेलने के लिये अच्छा हूं। उनको शक था कि मैं काबिल हूं भी या नहीं।'
रणजी फाइनल्स से पहले हो गया था पिता का निधनरणजी फाइनल्स से पहले ही उनके पिता का ‘ब्रेन स्ट्रोक’ से निधन हो गया। मुकेश सुबह ट्रेनिंग करते और अस्पताल में अपने पिता के बिस्तर के पास समय बिताते। बिहार के गोपालगंज जिले के मुकेश ने कहा, 'आज मेरी मां की आंखों में आंसू थे। वह भी बहुत भावुक हो गयी थीं। घर पर हर किसी ने रोना शुरू कर दिया।'
पिता चाहते थे सरकारी नौकरी करे बेटावह तीन बार सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की परीक्षा में बैठ चुके हैं क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वह सरकारी नौकरी करें। सीआरपीएफ तो नहीं लेकिन मुकेश प्रथम श्रेणी क्रिकेटर के तौर पर सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय) के साथ कार्यरत हैं।
नई गेंद से करते हैं शानदार बॉलिंगवह नयी गेंद से बंगाल के सबसे नियमित तेज गेंदबाज हैं लेकिन न्यूजीलैंड ए के खिलाफ पहले टेस्ट में पांच विकेट और ईरानी कप के पहले दिन चार विकेट ने उनकी भारतीय टीम में जगह बनाने में अहम भूमिका निभायी। गेंद दोनों तरीकों से स्विंग कराने की उनकी काबिलियत पर इस 28 साल के खिलाड़ी ने कहा, 'आपके हाथों की कलाकारी भगवान की देन है, लेकिन उनका दिया हुए आर्शीवाद पर मेहनत नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।'
टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में मिलेगा ज्यादा सीखने का मौकाभारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में जाना उनके लिये ज्यादा से ज्यादा सीखने का मौका होगा। उन्होंने कहा, 'जीवन का मतलब ही सीखते रहना है, जो कभी खत्म नहीं होता। मेरी कोशिश यह सुनिश्चित करने की होगी कि मैं जब तक क्रिकेट खेलूंगा तब तक सीखना जारी रहेगा।'
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