IND vs AUS: करियर का 100वां टेस्ट खेलने से पहले पुजारा ने कहा, पूरा करना चाहते हैं ये सपना
टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने करियर का 100 टेस्ट मैच खेलने से पहले बताया क्या है उनका सपना? मैदान पर हासिल करना चाहते हैं कौन से लक्ष्य?
चेतेश्वर पुजारा और राहुल द्रविड़(साभार BCCI)
नई दिल्ली: टीम इंडिया की सीनियर खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरेंगे। पुजारा ने साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरू में एमएस धोनी की कप्तानी में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और अब रोहित शर्मा कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ करियर का 100वां टेस्ट खेलने जा रहे हैं।
कभी नहीं सोचा था खेलूंगा 100 टेस्टपुजारा को उतार-चढ़ाव भरे करियर में इस मुकाम तक पहुंचने में 13 साल लंबा वक्त लग गया। ऐसे में मैच की पूर्व संध्या पर प्रेस से मुखातिब होने आए पुजारा ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वो करियर में 100 टेस्ट मैच खेलने में सफल होंगे। पुजारा ने कहा, जब मैंने अपना टेस्ट डेब्यू किया था उस वक्त मैंने नहीं सोचा था कि मैं 100 टेस्ट मैच खेलने में सफल होउंगा। मैं हमेशा वर्तमान में रहना पसंद करता हूं भविष्य के बारे में या कहें आगे के बारे में ज्यादा नहीं सोचता हूं। इस सीरीज की शुरुआत से पहले ही 100वां टेस्ट मैच खेलने का ख्याल मेरे जेहन में आया। आपके करियर में कई तरह के उतार चढ़ाव आते हैं और आपको उन सभी से जूझना होता है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बनना है सपनाभारत के लिए 100 या उससे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले 13वें भारतीय खिलाड़ी बनने जा रहे पुजारा ने कहा, करियर में अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। मैं 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिए बेहत उस्ताहित हूं लेकिन इस बात का भी ख्याल है कि हम एक बेहद अहम सीरीज खेल रहे हैं। इसलिए आशा करता हूं कि इसमें और इसके बाद के मैच में जीत दर्ज करके हम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में अपनी जगह पक्की कर लेंगे। मेरा सपना आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतना है। ये सपना हम पिछली बार नहीं पूरा नहीं कर सके थे। आशा करता हूं कि हम इस बार फाइनल में अपनी जगह पक्की करके खिताब जीतने की राह में आगे बढ़ेंगे।'
पिता और परिवार को दिया सफलता का श्रेय100वां टेस्ट खेलने से पहले पुजारा ने अपनी सफलता और इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय पिता अरविंद पुजारा को दिया। पुजारा ने अपने परिवार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, एक क्रिकेट खिलाड़ी के जीवन में परिवार का साथ बहुत जरूरी होता है। मैं अपने परिवार, दोस्तों और प्रशिक्षकों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने करियर में मुझे यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है।'
संयम ऐसे ही नहीं आ जाता, इसके लिए...पुजारा ने अंत में कह, संयम अपने आप नहीं आता आपके इसके लिए मानसिक तौर पर मजबूत बनना पड़ता है। मैंने जूनियर स्तर पर रन बनाए, इसके बाद एक ग्रुप क्रिकेट में। आपको ध्यान केंद्रित करके लगातार कठिन परिश्रम करना पड़ता है तभी सफलता मिलती है।'
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नवीन चौहान author
नवीन चौहान टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम के सदस्य हैं। वो मूल रूप से मध्य...और देखें
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