ग्वालियर में नए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का हुआ उद्घाटन, खत्म होगा प्रशंसकों को 14 साल लंबा इंतजार

ग्वालियर में शनिवार को नए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन सीएम मोहन यादव ने किया। ग्वालियर के क्रिकेट प्रशंसकों का 14 साल का इंतजार अब खत्म हो सकता है।

ग्वालियर के नए क्रिकेट स्टेडियम का उद्धाटन

मुख्य बातें
  • ग्वालियर के नए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का हुआ उद्घाटन
  • माधव राव सिंधिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है नाम
  • साल 2010 के बाद ग्वालियर में नहीं खेला गया है कोई अंतरराष्ट्रीय मैच
ग्वालियर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को यहां माधवराव सिंधिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव मदद करेगी। उनके साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह और पूर्व क्रिकेटर कपिल देव भी मौजूद थे। यादव ने इस मौके पर एमपी क्रिकेट लीग भी लांच की। यादव ने कहा, 'यह स्टेडियम स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के क्रिकेट के प्रति जुनून को याद करता है।'

30 हजार दर्शकों की है क्षमता

इंदौर में मौजूदा स्टेडियम के बाद यह मध्य प्रदेश का दूसरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के बेटे) ने अपने भाषण में कहा कि नये स्टेडियम में 30,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि क्षमता को 50,000 तक बढ़ाने के लिए बीसीसीआई के सहयोग की जरूरत है जिस पर 110 करोड़ रुपये और खर्च होंगे। बीसीसीआई सचिव शाह ने कहा कि बोर्ड से 38 महासंघ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा,'इनमें से एमपी क्रिकेट संघ भी एक है। इसके पास दो अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हैं, जो क्रिकेट को बढ़ावा देंगे।'

खत्म होगा प्रशंसकों का 14 साल का इंतजार

ग्वालियर के क्रिकेट प्रशंसकों का 14 साल का इंतजार नए क्रिकेट स्टेडियम के उद्धाटन के बाद खत्म हो सकता है। भारत में आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला साल 2010 में खेला गया था। इसी मैच में सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट इतिहास का पहला दोहरा शतक जड़ा था। वो मुकाबला कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेला गया था। अब रूप सिंह स्टेडियम का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। ये मूल रूप से हॉकी का स्टेडियम था जिसे क्रिकेट स्टेडियम में तब्दील किया गया था। हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के भाई और महान हॉकी खिलाड़ी रूप सिंह का नाम दिया गया था।
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