नीतीश रेड्डी ने सुनाई एमसीजी में सफलता के पीछे की कहानी, कैसे आईपीएल के बाद की मेहनत

Nitish Reddy Success Story: नीतीश कुमार रेड्डी के लिए यह ऑस्ट्रेलिया दौरा किसी सपने से कम नहीं है। उन्होंने बीते दो दिन में अपने सपने को जिया है। एमसीजी के मैदान पर शतक और फिर अपने आदर्श से मिली शाबाशी ने उन्हें हर वह खुशी दी है जिसके लिए उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था।

Nitish Reddy

नीतीश कुमार रेड्डी (साभार-BCCI)

तस्वीर साभार : भाषा

Nitish Reddy Success Story: एमसीजी के ऐतिहासिक मैदान में बुमराह के कमाल के बीच जिस नाम की सबसे ज्याजा चर्चा पिछले दो दिन से हो रही है वह नाम नीतीश कुमार रेड्डी का है। उन्होंने एक पारी से सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंदुलकर को अपना फैन बना लिया है। एमसीजी में शतक लगाना हर खिलाड़ी का सपना होता है और नीतीश ने तो अपने चौथे ही टेस्ट में इस सपने को जिया है। वह भारत की ओर से इस दौरे पर सबसे सफल बल्लेबाज हैं और अब तक छह पारियों में 293 रन बना चुके हैं। उनकी 114 रन की पारी की बदौलत ही भारत पहली पारी में 369 रन बनाने में सफल रहा।

आलोचकों को करारा जवाब

रेड्डी ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों को मुझ पर संदेह था कि आईपीएल खेलने वाला कोई युवा खिलाड़ी इतने बड़े मंच पर प्रदर्शन नहीं कर सकता। मैं जानता हूं कि बहुत से लोग इस तरह की बातें करते थे। ‘‘मैं बस उन्हें यह अहसास दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे बारे में जो कुछ कहा है, वह गलत है। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं भारतीय टीम के लिए अपना शत प्रतिशत देने के लिए यहां हूं। ’’

कैसा रहा है पिछला कुछ महीना

नीतीश ने बताया कि यह उनकी कड़ी मेहनत का फल है। यह पूछे जाने पर कि वह पिछले एक महीने को कैसे देखते हैं जिसमें उनका जीवन बदल गया, उन्होंने तुरंत जवाब दिया ‘‘मुझे लगता है कि आप लोगों के लिए यह एक या दो महीने ही हैं। लेकिन मेरे लिए यह पिछले दो से तीन साल हैं। मैं अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर कितनी मेहनत कर रहा हूं। ’’

आईपीएस से ही शुरू कर दी मेहनत

रेड्डी ने 2024 आईपीएल की शुरुआत से पहले ‘साइड-आर्म थ्रोडाउन’ विशेषज्ञों की सेवायें ली थीं और उनके खिलाफ लगभग 18 गज की दूरी से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंद पर बल्लेबाजी का अभ्यास किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पहले आईपीएल सत्र के बाद मुझे अहसास हुआ कि मुझे अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना पड़ेगा और मैंने एक योजना बनाई। सत्र के इतर जब मुझे समय मिला तो मैंने अपनी बल्लेबाजी पर बहुत काम किया और अब इससे नतीजे मिल रहे हैं। यह एक महीने या दो महीने की बात नहीं है। मैंने पिछले दो-तीन वर्षों से यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। ’’

पिता को दिया सफलता का श्रेय

नीतीश ने सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मेरे पिता ने केंद्र सरकार में 25 साल तक सेवा की थी और जब मैं कुछ नहीं था और मैं राज्य स्तर पर नहीं खेला था तो सबसे पहले जिस व्यक्ति ने मुझ पर विश्वास किया, वह मेरे पिता थे। ’’

रेड्डी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वह मुझे मैदान, जिम ले जाते थे। वह हमेशा मेरे साथ रहना चाहते थे। उन्होंने बहुत सारे बलिदान किए। अगर मुझे उनके बारे में बताना पड़े तो समय कम पड़ जाएगा लेकिन मैं उनके जैसे पिता को पाकर बहुत आभारी हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी टीम की मुश्किल परिस्थिति में मदद की ताकि हम मजबूती से वापसी कर सकें। इसलिए यह मेरे और मेरे पिता के लिए भी एक खास शतक था।’’

शतक बनाने पर विराट ने क्या कहा?

विराट कोहली उनके आदर्श हैं और अपने आदर्श को खड़े होकर तालियां बजाते देखना सपने की तरह था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बचपन से ही विराट कोहली को देखता आ रहा हूं। वह मेरे आदर्श हैं और अब आखिरकार मैं उनके साथ खेला। जब उन्होंने पर्थ में शतक बनाया तो मैं नॉन-स्ट्राइकर छोर पर था। मुझे बहुत खुशी हुई। ’’

रेड्डी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘अब मैंने शतक बनाया तो उन्होंने मेरी सराहना की। वह मेरे पास आए और कहा कि '‘तुम वाकई अच्छा खेले, तुमने टीम को खेल में वापसी दिलाई’। मैंने हमेशा इस पल का सपना देखा था और आखिरकार जब उन्होंने मुझसे बात की तो वह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था। ’’

अंतिम दिन लक्ष्य का पीछा करने के बारे में पूछने पर रेड्डी ने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें उनका आखिरी विकेट लेना होगा। हम मजबूती से वापसी करेंगे और पहली पारी की अपनी गलतियों को सुधारेंगे। ’’

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समीर कुमार ठाकुर author

मैं समीर कुमार ठाकुर टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम का अहम सदस्य हूं। मैं मूल रूप से बिहार, बांका जिले का रहने वाला हूं। पत्रका...और देखें

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